चुनाव लड़ने के दौरान दी थी राहत
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जब भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था तो एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनावों में किसी के भी चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की कानूनी ताकत हमारे पास नहीं है। कौन चुनाव लड़ेगा, कौन नहीं, ये तय करने का अधिकार निर्वाचन आयोग को है। ऐसे में कोर्ट मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगा सकती है।
मालेगांव धमाके में मारे गए एक युवक के पिता निसार अहमद सैय्यद बिलाल ने एनआईए कोर्ट में अपील दायर की थी। बिलाल ने कहा था कि धमाके में मेरे बेटे की मौत हो गई थी। प्रज्ञा जैसे लोग जमानत पर बाहर आकर लोकसभा चुनाव लड़ते हैं, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। प्रज्ञा को कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों से जमानत दी थी, तो ऐसे में वह भोपाल से लोकसभा का चुनाव कैसे लड़ सकती हैं।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव हराया था। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपने चुनाव के दौरान कई बार विवादित बयान भी दिए थे। साध्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान आगर-मालवा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था।