वहीं, मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ को एनटीसीए ने सूचित किया कि सड़क निर्माण के लिए आवश्यक अनुमति साइट निरीक्षण के बाद दी जाएगी। अगली सुनवाई की तारीख 6 नवंबर निर्धारित की है।
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बिना आवश्यक अनुमति के हो रहा निर्माण
याचिका महाराष्ट्र के अमरावती निवासी एडविट किओले द्वारा दायर की गई थी, जिसमें कहा गया है कि बैतूल और औबेदुल्लागंज के बीच नेशनल हाईवे-69 का निर्माण बिना आवश्यक अनुमति के हो रहा है। निर्माण के लिए वन विभाग से अनुमति ली गई है, लेकिन यह मार्ग सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिजर्व के बीच से गुजरता है, जो देश के 32 प्रमुख टाइगर कॉरिडोर में शामिल हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, टाइगर कॉरिडोर में किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए एनटीसीए और एनबीडब्ल्यूएल की अनुमति आवश्यक है।
दो साल से है रोक
इस मामले में न्यायालय ने 1 अप्रैल 2022 को सड़क निर्माण पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अगस्त 2022 में बारिश से क्षतिग्रस्त हुई सड़क के सुधार कार्य की अनुमति दी गई थी। एनएचएआई की ओर से एनटीसीए की अनुमति के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन एनटीसीए ने स्पष्ट किया कि साइट निरीक्षण के बाद ही अंतिम अनुमति दी जाएगी। याचिका में केंद्र सरकार के एनवायरमेंट एवं फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज डिपार्टमेंट के सचिव, नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथारिटी, नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ के चेयरमैन, एनएचएआई, मप्र शासन के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी फारेस्ट व पीसीसीएफ को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा।