1999 और 2019 में बना था संयोग
आपको बताते चलें कि सोमवार के दिन नागपंचमी का संयोग इससे पहले 2019 और उससे 1999 में भी बना था। इस साल श्रावण में पुरुषोत्तम मास का भी संयोग बना था। जीवित नाग की नहीं, प्रतिमा की करें पूजा नागपंचमी पर नाग देवता का पूजन करना जरूरी है। लेकिन ध्यान रखें पूजन हमेशा मंदिर में शिवलिंग के साथ ही स्थापित नाग प्रतिमा का करना चाहिए। जीवित नागों को पूजना नहीं चाहिए। प्रतिमा पर दूध अर्पित करें, लेकिन जीवित नागों को दूध ना पिलाएं, क्योंकि नाग दूध नहीं पीते।
– आपको ध्यान रखना चाहिए कि शिवजी के साथ शिवलिंग पर छाया दे रहे नाग की प्रतिमा की ही पूजा करें।
– चांदी या जस्ते से तैयार दो सर्प बनवाकर उनकी पूजा करें।
– नाग प्रतिमा पर हल्दी, रोली, चावल, फूल, चना, खील, बताशा, कच्चा दूध अर्पित करें।
– दरवाजे पर गोबर, गेरू, मिट्टी से सर्प की आकृति बनाकर पूजें।
– ‘ऊं कुरु कुल्ले फट् स्वाहा’ अथवा ‘ऊं नागेंद्रहाराय नम:’ का जाप करें।