अब बंद पड़े ये काउंटर न तो बसों के काम आ रहे हैं और न यहां लो फ्लोर नगर वाहन व प्री-पेड ऑटो आदि की टिकट व्यवस्था संचालित हो रही है। यहां की व्यवस्था बदहाल है। रात में स्टैंड परिसर में स्थाई रूप से रात में सोने वाले इन काउंटर में घुस कर जाते थे, उन्हें रोकने के लिए मुख्य गेट पर ताला लगा रहता है।
यहां से अधिकृत रूप से सिर्फ विदिशा की ओर जाने वाली बसें ही खड़ी होती हैं। जिनकी टिकट भी काउंटर से नहीं बिकती, बल्कि बसों में दिए जाते हंै। बस स्टैंड की देख-रेख खत्म होने से अंदर का परिसर आसामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। टिक काउंटर देख-रेख के अभाव में जर्जर होते जा रहे हैं।
बताया गया कि यहां से बस स्टैंड नव बहार सब्जी मंडी शिफ्ट होना था। नादरा को नगर वाहन स्टैंड के रुप में विकसित किया जाना है। इसके लिए स्टैंड पर नगर वाहनों की बुङ्क्षकग के लिए काउंटर खुले, लेकिन उपयोग कुछ भी नहीं हो रहा है। इसी के अंदर लोग कचरा तक डाल जाता है। दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन स्टैंड के भवन को जर्जर हालत में करने के बाद इसे तोडऩा चाहता है।
जांच कमेटी के आने पर दिखावा
रैन बसेरा में काम करने वाले एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब कोई केंद्र की जांच कमेटी बस स्टैंड का दौरा करने के लिए यहां आती है तो परिसर और काउंटर को चमचमा देते है। उनके जाते ही इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। टिकट काउंटर पर कभी टिकट ही नहीं मिलते हंै।
शहर के चारों ओर भले ही प्रशासन ने अलग-अलग रूट के स्टैंड बना दिए हों, लेकिन सभी नादरा बस स्टैंड के भरोसे ही चलते हंै। शासन की नगर वाहनों के लिए काउंटर भले बना दिए हों, लेकिन उसका कोई लाभ दिखाई नहीं देता है। प्रशासन नादरा स्टैंड की विकास को लेकर गंभीर नहीं है।
-प्रवीण गुप्ता, समाजसेवी
वहां हमारा टिकट काउंटर बना हुआ है, अगर उसका संचालन नहीं किया जा रहा है तो मैं खुद वहां की व्यवस्था की जांच करने के बाद जिम्मेदारों से इस मामले पर चर्चा करुंगा।
-केवल मिश्रा, डायरेक्टर, बीसीएलएल