– न्यू सुभाष नगर में हाउसिंग बोर्ड के मकानों में पीछे नाले पर स्लैब डालकर तीन मंजिला मकान खड़े कर लिए।
– अशोका गार्डन मुख्य मार्ग किनारे हाउसिंग बोर्ड के इडब्ल्यूएस मकानों को जोड़कर चार मंजिला भवन बना लिया। नीचे दुकानें निकाल दीं।
– रमा नगर में नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा से जुड़े इंजीनियर तक ने दो इडब्ल्यूएस आवास जोड़कर बिना अनुमति चार मंजिला इमारत बना दी। यहीं न्यू मार्केट में एक प्रसिद्ध जूस सेंटर के मालिक ने चार मंजिला भवन बना लिया।
इन पुराने आवासों को जोड़कर बनाई मल्टियों में फ्लेट, दुकानें भी बेची जा रही है। अशोका गार्डन में इसके कई मामले हैं। अब पुरानी नींव पर नए फ्लैट बनाकर बेचने से उपभोक्ता अधिकारों का हनन भी हो रहा है।
सरकारी एजेंसियों के इन आवासों में अतिरिक्त निर्माण के लिए सबसे पहले संबंधित एजेंसी से मंजूरी जरूरी है। यहां से मंजूरी के बाद निगम से अनुमति लेना पड़ती है। निगम अनुमति को फ्लोर एरिया रेशियों (एफएआर) के आधार पर कसती है। यदि संबंधित क्षेत्र का एफएआर डेढ़ है तो क्षेत्रफल का डेढ़ गुना तक निर्माण हो सकता है। यानि 450 वर्गफीट क्षेत्रफल है तो इसपर मिनिमम ओपन स्पेस छोड़कर 675 वर्गफीट तक बिल्डअप एरिया हो सकता है। यहां तो 1800 वर्गफीट बिल्डअप एरिया कर लिया है।
– शैलेंद्र बागरे, स्ट्रक्चरल इंजीनियर
– जयवद्र्धन सिंह, मंत्री आवास एवं शहरी विकास