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भोपाल

16 साल बाद इंतजार खत्म, एमपी में 8वां टाइगर रिजर्व जल्द

Ratapani tiger reserve: फाइनल ड्राफ्ट तैयार है। विदेश रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कानूनी रूप से ड्राफ्ट पर फाइलन स्वीकृति दी है। अब विधि विभाग परिमार्जन प्रक्रिया के लिए अंतिम परीक्षण प्रक्रिया पूरी होते ही जारी हो जाएगी अधिसूचना.

भोपालNov 25, 2024 / 09:43 am

Sanjana Kumar

MP News
Ratapani Tiger Reserve: रातापानी टाइगर रिजर्व का फाइनल ड्राफ्ट तैयार है। विदेश रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कानूनी रूप से ड्राफ्ट पर फाइलन स्वीकृति दी है। अब विधि विभाग परिमार्जन प्रक्रिया के लिए अंतिम परीक्षण कर रहा है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को कभी भी टाइगर रिजर्व घोषित करने संबंधी अधिसूचना जारी हो जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक कानूनी अडचनों को दूर कर लिया गया है। यह प्रदेश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व होगा, जो 16 वर्ष के इंतजार के बाद अस्तित्व में आएगा।
इसके साथ ही प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। भोपाल, औबेदुल्लागंज, रायसेन और सीहोर वन क्षेत्र में टाइगर रिजर्व के कड़े नियम लागू हो जाएंगे, जो वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के सामान्य नियमों से कठोर होंगे। रिजर्व बनने से बाघ, तेंदुए समेत दूसरे वन्यप्राणियों का संरक्षण बढ़ेगा। वन्यप्राणी पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां बढ़ेंगी, स्वरोजगार के अवसर खुलेंगे।

16 वर्ष से कवायद

रातापानी वन्यजीव अभयारण्य 1983 में अस्तित्व में आया था। अधिसूचित क्षेत्रफल 823.065 वर्ग किमी है। रिजर्व के तौर पर सीमा बढ़ सकती है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने वर्ष 2008 में रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी।

75 बाघ, इनमें शावक भी

अभयारण्य में 75 बाघ हैं। इनमें 10 से 15 युवा बाघ भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार यह बाघों के लिए अनुकूल लैंडबैंक है, जिसमें तेजी से बाघों का कुनबा बढ़ रहा है। हालांकि बीते 15 वर्ष में सात बाघ व 11 तेंदुए की मौत हुई है। ये वे मौतें हैं, जो रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के सामने आने हुईं। सामान्य और अन्य मौतों का रिकार्ड अलग है।

रिजर्व घोषित होने से किस पर क्या असर

वन्यप्राणी: बाघों के संरक्षण के लिए सख्त नियम लागू होंगे।

वन: आसपास के वन क्षेत्रों में अवैध गतिविधियां पूरी तरह बंद हो जाएंगी। संरक्षण बढ़ेगा।
पर्यटन: वन्यप्राणी पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां बढ़ेंगी। स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।

खनिज खदानें: रिजर्व के दायरे में आने वाली कई खनिज खदानों के लीज निरस्त हो जाएंगी।

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