विकास वर्मा
भोपाल। कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में, यह खुशबू है गुजरात की…अमिताभ बच्चन की आवाज में ये लाइनें सुनकर पर्यटक गुजरात की तरफ खिंचे चले गए। गुजरात के गिर फॉरेस्ट में पर्यटकों का आंकड़ा महज एक साल में दो लाख से बढ़कर 10 लाख तक पहुंच गया।
टूरिज्म सेक्टर में इतना बड़ा इजाफा बेहतरीन प्लानिंग और प्रमोशन के चलते हुआ है। लेकिन देश में छठे नंबर पर मौजूद मध्यप्रदेश टूरिज्म की न तो दमदार ब्रांडिंग है और न ही कोई ब्रांड एम्बेसडर। देशभर में आने वाले पर्यटकों में से महज पांच फीसदी पर्यटक यहां आते हैं।
प्रदेश की ओर पर्यटकों का रुझान अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है। प्रदेश में पिछले साल 6.39 करोड़ पर्यटक आए। विदेशी पर्यटकों की संख्या महज 3.16 लाख थी। जबकि गुजरात में यह संख्या करीब 22 लाख थी।
सोशल मीडिया पर प्रमोशन में भी गुजरात के मुकाबले एमपी टूरिज्म काफी पिछड़ा हुआ है। गुजरात टूरिज्म के फेसबुक पेज पर 10 लाख लाइक्स हैं वहीं एमपी टूरिज्म के पेज पर लाइक्स की संख्या सिर्फ तीन लाख ही
है। एमपीटी सोशल मीडिया के सिर्फ पांच प्लेटफॉर्म पर है। गुजरात टूरिज्म सात प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। वेबसाइट के मामले में एमपी टूरिज्म ने थ्रीडी इफ्ेक्ट के साथ एक नया प्रयोग किया है लेकिन इंटरफेस के मामले में गुजरात टूरिज्म से बेहतर नहीं है। गुजरात टूरिज्म की साइट पर पर्यटकों के लिए वर्चुअल टूर की व्यवस्था भी है।
बैरागढ़ के आगे सीहोर रोड पर यह बड़ी झील का किनारा किसी पर्यटन स्थल से कम नही लगता। घने जंगल के बीच गुजरते तालाब का यह दृश्य खूबसूरती को और बढ़ा रहा है। प्रशासन ने यहां पर पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव रखा है पर अभी कोई कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।
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