राजधानी भोपाल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ओबीसी वर्ग की सैकड़ों महिला शिक्षकों ने मंगलवार को राजधानी में प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पहुंची इन महिलाओं ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के निवास पर पहुंचकर अपनी समस्या बताईं। यह लोग नेताओं को अपना आश्वासन याद दिलाने गए थे। इससे पहले 7 फरवरी को शिवराज सरकार के 6 कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात की थी, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।
5 विषयों में क्यों नहीं दिया 27 प्रतिशत ओबीसी
दरअसल, प्रदेश में तीन साल बाद शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है। इनमें से 11 विषय के चयनित शिक्षकों को 27 फीसदी ओबीसी के हिसाब से नियुक्ति दे दी गई, जबकि 5 विषय ऐसे हैं जिन्हें 14 फीसदी के हिसाब से ही नियुक्ति दी गई है। इस कारण बडी संख्या में ओबीसी के शिक्षकों को होल्ड पर रख दिया गया है। इन्हीं शिक्षकों ने बाकी पांच विषयों में बाकी 13 फीसदी के हिसाब से नियुक्ति देने की मांग की है। शिक्षकों ने मंत्रियों के बंगले पर पहुंचकर पुराना वायदा याद दिलाया है। यह सभी शिक्षक 7 फरवरी को भी शिवराज कैबिनेट के 6 मंत्रियों से मिले थे।
मध्यप्रदेश में उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के 6 विषयों के ओबीसी शिक्षकों को 27 फीसदी आरक्षण के हिसाब से अब तक ज्वाइनिंग नहीं दी गई है। इस कारण यह चयनित शिक्षक अब तक होल्ड पर रखे गए हैं। इनमें वर्ग -1 के भूगोल, इतिहास, राजनीति, संस्कृत विषय शामिल हैं, जबकि वर्ग-2 के समाजिक विज्ञान और संस्कृत शामिल हैं।
ओबीसी के चयनित शिक्षक अनुसूइया जसवाल, शबाना कुरैशी, विभा नामदेव, प्रीति खंडकार, देवकी यादव, विमलेश रजक के नेतृत्व में भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की। इसके बाद सभी चयनित शिक्षक इंदर सिंह परमार के बंगले पर भी गए। वहां भी आवेदन दिया। इन शिक्षकों का कहना है कि साढ़े तीन साल से नियुक्ति नहीं मिलने के कारण हमारा परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।
यह भी पढ़ेंः
महिला दिवस पर सड़कों पर दंडवत करते हुए आई महिलाएं, देखें VIDEO
महिला दिवस पर सड़कों पर किया दंडवत
इधर, मंगलवार को राजधानी में वेटिंग क्लीयर करने की मांग को लेकर चयनित शिक्षकों ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से भाजपा कार्यालय और डीपीआई तक प्रदर्शन किया। इन महिलाओं ने सड़क पर दंडवत कर नियुक्ति की मांग की। साथ ही सड़कों पर भीख भी मांगी।
महिलाओं का कहना है कि स्कूल शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार ने दिसंबर 2021 में आश्वासन दिया था कि जल्द ही नियुक्ति दी जाएगी, लेकिन अब साल बदल गया और मार्च का महिना आ गया। प्रदेश में करीब साढ़े 12 हजार शिक्षक नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।