कुछ घायल शिक्षकों को हमीदिया अस्पताल ले जाया गया। शिक्षकों का आरोप है पुलिस ने कई लोगों को बुरी तरह पीटा। इनमें महिलाएं भी थीं। इससे पहले दोपहर में आंबेडकर प्रतिमा के पास सभा हुई। रैली निकालने की कोशिश की तो पुलिस से धक्का-मुक्की हुई।
गोली चलाने की चेतावनी का विवादित पोस्टर
मैदान के चारों ओर पुलिस बल तैनात था। पुलिस के एक बैनर पर बलवाई लिखा था। जमावड़े को अवैध बताया था। तितर-बितर करने गोली चलाने की भी चेतावनी थी। विवाद बढ़ा तो कुछ देर में बैनर से गोली चलाने वाली लाइन की ओर से मोड़ दिया गया और लाइन छिपा दी गई। लेकिन पुलिस का ये विवादित पोस्टर वायरल हो गया।
दबाई जा रही मांग
अतिथि शिक्षक महासंघ के सुनील सिंह परिहार ने बताया कि तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षक पंचायत में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरुजी के समान वेतनमान देने की बात कही थी। अब डंडे के जोर पर उनकी मांगें दबाई जा रही हैं।
मोहन सरकार पर जमकर बरसे पटवारी
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अतिथि शिक्षकों के इस मामले को गंभीरता से लिया। वे अतिथि शिक्षकों से मिले और प्रदेश की मोहन सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अपनी मर्यादा तो पहले ही खो चुकी थी और आज इस सरकार ने अपनी संवेदना को भी लाठियों के हवाले कर दिया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों के साथ अहिंसा दिवस के दिन ही हिंसा की गई। मैं आज ही शिक्षकों से मिलकर आया हूं और राजनीति से प्रेरित इस सरकार ने उन पर हमला कर दिया। अपने शिक्षकों की ऐसी दशा देखकर आज बापू की आत्मा पीड़ा में होगी। मैं शिक्षकों को यह भरोसा दिलाता हूँ, कि इस लाठी के जख्म को भुलाया नहीं जाएगा।