ये भी पढें -ED investigation: गेमिंग ट्रेडिंग से करोड़ों कमाए, दुबई में खोला कॉल सेंटर ऐसे में सवाल यह है कि जब चेतन निगरानी में था, तब उसकी कार में गुरुवार रात ही 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकदी रखकर कौन मेंडोरी के जंगल में छिपा आया? जांच एजेंसियों की भूमिका भी संदिग्ध है। 24 घंटे नजर के सामने बैठाकर लोकायुक्त दस्तावेज खंगालती रही और उसी रात नकदी और सोना मेंडोरी पहुंच गया, यह लोकायुक्त टीम की नजर में कैसे नहीं आया? इधर, शुक्रवार रात 11 बजे आयकर विभाग ने लोकायुक्त से चेतन की कस्टडी मांगी।
लोकायुक्त ने साफ किया वह हिरासत में नहीं है, इसके बाद आयकर ने चेतन को उठा लिया। उससे पूछताछ की। उसने कहा, काले धन के कारोबार का छोटा प्यादा है। उसकी माली हालत अच्छी नहीं है। सौरभ ने उसे अपने साथ लिया। उसके नाम से पेट्रोल पंप, मछली पालन और गाड़ियों का धंधा किया। सौरभ अभी दुबई में है। वह भोपाल नहीं लौटा तो दूतावास के जरिए लाने की कवायद होगी। लोकायुक्त उसे पेश होने के लिए समन जारी करेगा। पेश न होने पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया जाएगा।