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इसलिए कराया मेंढक मेंढकी का ‘तलाक’
अच्छी बारिश की कामना रखते हुए मेंढक और मेंढकी की शादी कराई गई। हालांकि, इसके बाद भोपाल समेत प्रदेश के अन्य जिलों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू भी हो गया। आलम ये है कि बारिश खत्म होने का नाम नही ले रही, जिसके कारण भोपाल समेत कई जिलों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है, किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, कई जिलों में बाढ़ के हालात है, नदी नाले उफान पर है, कई इलाकों का एक दूसरे संपर्क तक टूट गया है। मौसम विभाग ने अब भी महीने भर बारिश का यही सिलसिला चलने के संकेत दिये हैं। साथ ही, अगले तीनों तक प्रदेश के 35 ज़िलों को रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट पर रखा है। इस हताहत से बचने के लिए लोगों को एक बार फिर याद आया कि, उन्होंने अच्छी बारिश के लिए मेंढक- मेंढकी की शादी का टोटका किया था, हो सकता है कि इसका हल भी उन्हीं से निकले।
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विधि-विधान से किया अलगाव
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जिन लोगों ने भोपाल में मेंढक-मेंढकी की शादी कराई थी, उन्हीं ने मेंढक-मेंढकी को विधि विधान के साथ पूजा करके अलग किया और मिट्टी के मेंढक मेंढकी बनाकर उनकी पूजा की साथ ही तालाब में उन्हें विसर्जित कर दिया। ताकि, इंद्र देव बारिश के इस मुसलाधार सिलसिले को रोक दें और लोगों को राहत मिले। हालांकि, ये टोटका सोशल मीडिया पर काफी दिनों पहले से चर्चा में था। भारी बारिश को देखते हुए लोगों ने कुछ दिनों पहले से ही मेंढक मेंढकी के बीच तलाक कराने का सुझाव देना शुरु कर दिया। इसीलिए मेंढक मेंढकी को अलग करके विसर्जित करने की इस प्रक्रिया को उनकी तलाक होने से भी जोड़ा जा रहा है।
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एमपी में त्राहिमाम
पिछले कई सालों से सूखे की मार झेल रहे एमपी के कई जिले इस साल की बारिश में पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। मूसलाधार बारिश फिर भी थमने का नाम ही नहीं ले रही है। प्रदेश में लगभग हर ओर त्राहिमाम की स्थिति बन गई है। 11 सितंबर तक मध्य प्रदेश में सामान्य से 26 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है। राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां बारिश अब तक करीब 13 सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में अब तक सामान्य से 45 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आलम यह है कि बीते 1 हफ्ते से भोपाल स्थित कलियासोत और भदभदा डैम के गेट खुले हुए हैं। वहीं 3 साल बाद कोलार डैम के सभी गेट खोले गए हैं। इसके अलावा, साल 1984 से आखरी बार खुले हलाली डेम के गेट भी इस भार खोलने पड़े हैं। यानी कुल मिलाकर प्रदेश के लगभग सभी बड़े छोटे डैमों के गैट खोले जा चुके हैं। हर ओर पानी है, जो एक आपदा का रूप लेता जा रहा है, जिससे निपटने के लिए मेंढक मेंढकी के तलाक का टोटका किया गया है।