एमपी में कौन होगा अगला बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष? रेस में कई बड़े नेता
सिंगापुर से ट्रेनिंग लेकर लौटे अफसरों ने बताया कि वहां शिक्षा में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। सिंगापुर में शिक्षकों की एक अलग पॉलिसी है। उसी पॉलिसी के अनुसार काम होता है। शिक्षकों को वर्क परफॉर्मेंस के आधार पर प्रमोशन मिलता है। एक स्कूल में शिक्षक चार साल से ज्यादा पदस्थ नहीं रह सकते हैं। रोटेशन में दूसरे स्कूल में भेजा जाता है। बच्चों का स्कूलों में सौ फीसदी प्रवेश अनिवार्य है। बच्चे का स्कूल में प्रवेश नहीं कराया जाता है, तो माता- पिता को समझाइश दी जाती है। बारहवीं के बाद विद्यार्थी का नेशनल टेस्टिंग एक्जाम होता है। इसी के आधार पर विद्यार्थी की काउंसलिंग कर उन्हें आगे के फील्ड में जाने की सलाह दी जाती है।