मध्यप्रदेश में बैंक आफ बड़ौदा की इंदौर ब्रांच ने कई नोटिस जारी करने के बाद प्रदेश के पर्यटन मंत्री और भोजपुर से विधायक सुरेंद्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित किया जा रहा है। बैंक का मानना है कि वे पैसा चुकाने की क्षमता रखते हैं, इसके बावजूद वे जानबूझकर बैंक की रकम नहीं चुका रहे हैं। पटवा के अलावा डिफाल्टरों की सूची में पटवा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स सुरेंद्र पटवा, मोनिका पटवा, भारत पटवा, महेंद्र पटवा समेत पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा की पत्नी फूलकुंवर पटवा का भी नाम शामिल हैं।
संपत्ति बेचने पर लगाई रोक
मंत्री पटवा के खिलाफ इसके कुछ दिन पहले ही बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी कार्रवाई की थी। पटवा ने बैंक ऑफ बड़ौदा से लोन लिया, जिसे अब तक नहीं चुकाया है। उन पर बैंक का 34 करोड़ रुपए बकाया था। राशि के लिए बैंक ने सुरेंद्र पटवा और उनके परिजन की संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा रखी है। बैंक ने एक सार्वजनिक सूचना के माध्यम से खरीददारों को आगाह भी कर रखा है। यदि किसी ने भी यह संपत्ति खरीदी तो उसे बैंक को 34 करोड़ की रकम चुकाना पड़ेगी।
यह है पूरा मामला
बैंक ऑफ बड़ौदा ने फरवरी माह में भी सार्वजनिक तौर पर लोगों को सूचित किया थखा कि सुरेंद्र पटवा की संपत्ति तब तक नहीं बिक सकती जब तक की बैंक को 34 करोड़ रुपए नहीं चुका दिए जाए। बैंक ने इंदौर और उज्जैन की सपंत्तियों पर प्रवर्तन अधिनियम 2002 की धारा 13 (12) सपठित नियम 9 के अंतर्गत ऋण लेने वालों से सूचना प्राप्त की तारीख से 60 दिन का समय दिया था, जिसमें लोन चुकाना था। लेकिन उन्होंने अब तक नहीं चुकाया है।
बैंक ने सांकेतिक आधिपत्य अधिनियम की धारा 13 (4) सपठित नियम के अनुसार लोगों को सतर्क कर रखा है कि वे सुरेंद्र पटवा, मोनिका पटवा, भरत पटवा, महेंद्र पटवा, फूलकुंवर बाई पटवा के नाम की संपत्ति बैंक के पास गिरवी है इसे अभी बेचा नहीं जा सकता है।
10 लाख का चेक बाउंस, हो सकती है सजा
इससे पहले फरवरी 2018 में भी मंत्री सुरेंद्र पटवा पर केस दर्ज हो चुका है। उनके खिलाफ धारा 138 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। पटवा पर 10 लाख रुपए का चेक बाउंस हो गया था। इंदौर के हरीश ट्रेडर्स ने 2015 में मंत्री सुरेंद्र पटवा को ब्याज पर 10 लाख रुपए दिए थे। चेक बाउंस होने के बाद इंदौर की जिला कोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।