दरअसल, टाइम-टेबल के अनुसार कक्षा दसवीं के एग्जाम 5 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेंगे। वहीं, कक्षा 12वीं के एग्जाम 6 फरवरी से 4 मार्च तक चलेंगे। मध्य प्रदेश में इस साल के कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम के दौरान एस्मा एक्ट लागू कर दिया है। इस एक्ट के तहत बोर्ड एग्जाम के दौरान किसी भी टीचर को धरना – प्रदर्शन आदि किसी प्रकार का विरोध करने की अनुमति नहीं होगी।
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बोर्ड परीक्षा का काउंटडाउन शुरु
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल यानी एमपी बोर्ड की दसवीं-बारहवीं (हाई स्कूल-हायर सेकेंडरी) की परीक्षाओं को लेकर जिम्मेदार विभागों और अफसरों की ड्यूटी तय करने के साथ साथ गाइडलाइन भी जारी की है। बोर्ड की इन दोनों अहम परीक्षाओं का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। एक तरफ जहां 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षार्थी बोर्ड एग्जाम की पढ़ाई में जुट चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी सामने आई है कि इस बार परीक्षार्थियों को एग्जाम के दौरान 32 पेज की सिर्फ एक मैन कॉपी ही दी जाएगी।
पहले परीक्षार्थियों को भरनी होगी ये जानकारी
छात्रों को आंसर शीट में ओएमआर शीट को काले या नीले रंग के बॉल पेन से तय जगह पर रोल नंबर और अन्य जानकारियों पर गोला लगाकर पहले उसे फिल करना होगा। इसके साथ ही कॉपी में रोल नंबर छिपाने के लिए किसी भी तरह के स्टीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
एग्जाम हॉल में रखी जाएगी लोहे की पेटी
इसके साथ ही मंडल की ओर से परीक्षा केंद्रों पर लोहे की पेटी रखने के भी निर्देश दिए हैं। इसके तहत अगर किसी परीक्षार्थी के पास नकल सामग्री है, जिसमें गाइड, चिट आदि शामिल है तो उन्हें उन्हीं लोहे के डिब्बों में डालना होगा। इस पेटी पर ये भी स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा कि यह पेटी स्वेच्छा से नकल सामग्री परीक्षा कक्ष में प्रवेश लेने के पहले जमा करने के उद्देश्य से रखी गई है। इसके बावजूद अगर एग्जाम हॉल में किसी परीक्षार्थी के पास कोई नकल सामग्री मिलती है तो उस पर मामला दर्ज किया जाएगा। वो उस पेपर की परीक्षा भी नहीं दे सकेगा।
एग्जाम हॉल की व्यवस्था
एग्जाम हॉल में एंट्री और एग्जिट के लिए एक ही गेट रहेगा। इसी मेन गेट पर एग्जाम देने आए छात्रों की चैकिंग की जाएगी। साथ ही परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टॉफ को भी विशेष आईकार्ड दिया जाएगा, जिसे परीक्षा के दौरान सभी फेकल्टीज को गले में टांगकर रखना अनिवार्य होगा।
केंद्राध्यक्ष को रखना होगा इस बात का ध्यान
इसी तरह केंद्राध्यक्ष को यह तय करना होगा कि उनके स्कूल में परीक्षार्थियों को अन्य स्कूलों के परीक्षार्थियों के साथ मिश्रित कर ही बैठाया जाए। संबंधित स्कूल में कार्यरत कोई भी शिक्षक पर्यवेक्षक की ड्यूटी नहीं कर सकेगा। साथ ही उन स्कूलों के शिक्षक भी पर्यवेक्षक की ड्यूटी नहीं करेंगे, जहां के विद्यार्थी संबंधित स्कूल में परीक्षा देंगे। बैठक व्यवस्था 20-40-60 के मान में रखनी होगी। छात्रों के आगे-पीछे और आजू-बाजू अलग-अलग सेट के पेपर बांटने होंगे।
छात्रों के लिए एक और जरूरी निर्देश
एमपी बोर्ड की ओर से दी गई एडवाजरी के अनुसार हर परीक्षार्थी को दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना होगा। साथ ही एग्जाम हॉल में निर्धारित समय से 1 घंटा पहले पहुंचना होगा। अच्छी तरह चैकिंग के बाद सभी परीक्षार्थियों को 30 मिनट पहले एग्जाम हॉल में बैठा दिया जाएगा। केंद्राध्यक्ष को परीक्षा शुरू होने से 20 मिनट पहले तक ही किसी भी परीक्षार्थी को एग्जाम हॉल में बैठाने की अनुमति रहेगी। इसके बाद परीक्षा कक्ष में छात्र को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।