एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों में 33/11 केव्ही विद्युत उप-केंद्रों पर सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए नई कवायद की गई है। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक के सीजीएम एमपी/सीजी हेड चंद्रशेखर शर्मा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव के बीच एमओयू साइन हुआ।
यह भी पढ़ें: एमपी के युवा अफसर की हार्ट अटैक से मौत, आइपीएस के बेटे थे सैयद बरकत हैदर भारतीय स्टेट बैंक और प्रदेश के ऊर्जा विकास निगम के बीच इस करार का मध्यप्रदेश के किसानों और विकासकों को खासा लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री कुसुम योजना कुसुम ए और कुसुम सी के किसानों और विकासकों को सरलता से बैंक ऋण मिल सकेगा।
एकल खिड़की प्रणाली की व्यवस्था से किसानों को कर्ज देने की प्रक्रिया सरल होगी। इससे नई परियोजनाएं जल्द स्थापित हो सकेंगी। वर्तमान में कुसुम “ए” में 1500 मेगावॉट और कुसुम “सी” में 2000 मेगावाट का लक्ष्य है।
एमपी के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि गैर परंपरागत स्त्रोतों से ऊर्जा उत्पादन के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और आईडी इनसाइट कंपनी के बीच भी एक अन्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इससे सौर रूफ-टॉप योजना को प्रभावी तरीके लागू करने में मदद मिलेगी।