इस दुकान का मालिक विष्णु पाटिदार है, इसने जुलाई में ये दुकान किराए पर दी थी। अमित चतुर्वेदी से एग्रीमेंट था, दुकानदार का। एमपी पुलिस ने जो सामान बरामद किया है और एनसीबी ने जो रॉ मटेरियल बताया है, ये दोनों समान हैं। इन सभी का इस्तेमाल ड्रग बनाने में किया जाता है। ये रॉ मटेरियल की स्थानीय बाजार में कीमत करीब 30 लाख रुपए है। लेकिन अगर इससे एमडी ड्रग बनकर तैयार हो जाता, तो उसकी कीमत 200-300 करोड़ रुपए होती।
-एस के अग्रवाल, डीसीपी
ड्रग्स का 30 लाख का रॉ-मटेरियल जप्त
1600 लीटर एसीटोन
1000 लीटर टोलविन
100 लीटर हाइड्रोक्लोरिक एसिड
इस एसिड का कंसन्ट्रेशन 35% से ज्यादा
200 किलो ग्राम सोडियम कार्बोनाइट पाउडर
240 लीटर सॉल्विंट है
40 किलो ग्राम सोडियम कार्बोनेट
42 बोटल गोमिन है, ये इसका मुख्य घटक है
20 लीटर अन्य लिक्विड भी जप्त किए गए हैं
50 किलो ग्राम मैथालिमिन हाइड्रोक्लोराइड है
50 किलो लाइट सोडा एस
10 किलो किस्टल दानेदार पाउडर
10 लीटर के अन्य द्रव्य जप्त किए गए हैं
देर रात मिली थी सूचना
मामले में डीसीपी अग्रवाल ने बताया कि देर रात में सूचना मिली थी कि रापड़िया चौराहे पर स्थित दुकान पर सामान रखा है, जो आसपास के दुकानदारों और लोगों को संदिग्ध लग रहा है। उनका यह भी कहना था कि यह सामान सामान समय-समय पर दूसरी जगह जाता है और ट्रांसपोर्ट से आता है। एसीपी मिसरौद की टीम ने तस्दीक की। दुकान मालिक का पता किया गया। दुकान मालिक को लाया गया। तस्दीक हुई तो पता चला जो सामान पाया गया, इसका संबंध वही है, जो 5 अक्टूबर को एनसीबी ने जो अमित चतुर्वेदी के खिलाफ जो कार्रवाई की गई थी, नार्कोटिक्स ड्रग्स की उसी का ये रॉ मटेरियल था। उसी का एक एग्रीमेंट भी मिला है। वो यहां सामान स्टोर करता था। ये सामान बड़ी मात्रा में मिला है। जरूरत पर ये सामान बगरौदा की तरफ ले जाता था। बता दें कि ड्रग्स के कारोबार में खुलासे के बाद औद्योगिक क्षेत्र की जानकारी एकत्रित कर रही पुलिस को लगातार नई जानकारियां मिल रही है। पुलिस के साथ ही एमपीआइडीसी भी एक्टिव है। ये भी पढ़ें: