ड्रग्स की सप्लाई के लिए गिरोह ने वाहन भी मॉडिफाई कराए। बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र हाईवे से लगा है इसलिए ड्रग्स फैक्ट्री से ले जाना आसान था। शहर के बाहरी रास्ते से आरोपी ड्रग्स आसानी से भेजते थे। ड्रग्स भोपाल से मंदसौर हरीश आंजना के पास पहुंचता और फिर वहां से महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में सप्लाई किया जाता। यहां इनके अलग-अलग डीलर्स थे, जो ड्रग्स दूसरे गुर्गों तक पहुंचाते।
पूछताछ में पुलिस को जानकारी सामने आई है कि अमित चतुर्वेदी एमडी ड्रग दूसरे राज्य में भेजने के लिए कूलर की मोटर का इस्तेमाल करता। वह कूलर की मोटर के कार्टन में ड्रग के छोटे पैक बड़े ट्रक से दूसरे शहरों में भेजता। हरीश आंजना के बाद भी कई सह्रश्वलाई चेन है। एनसीबी कार्यालय भोपाल में हरीश से इस नेटवर्क को लेकर पूछताछ जारी है।
भोपाल से पहले पीथमपुर में लगा चुके फैक्ट्री
आरोपी भोपाल से पहले पीथमपुर में फैक्ट्री लगा चुके। कोशिशों के बाद प्रोडेक्शन शुरू नहीं कर पाए तो सुरक्षित जगह की तलाश में भोपाल का रुख किया। यहां ऐसी कंपनी की तलाश थी जो दवा बनाने का काम करती हो। इस तरह अमित चतुर्वेदी आरोपियों के संपर्क में आया और बगरोदा में नशे का कारोबार शुरू हुआ।
विदेश तक भेजने की आशंका
अभी ये भी आशंका जताई जा रही है कि महाराष्ट्र और गुजरात के अलग अलग पोर्ट से समुद्र के रास्ते ड्रग्स को विदेशों तक पहुंचाया जाता था। विदेशों में इसकी कीमत अच्छी मिल जाती है, जिससे गिरोह की कोशिश ड्रग्स को विदेश में बेचने की ज्यादा रहती थी। एनसीबी को लाला की तलाश
एमडी ड्रग के इस गिरोह में राजस्थान का नेटवर्क सबसे बड़ी लीड है। एनसीबी व पुलिस फरार शोएब लाला की तलाश कर रही है। राजस्थान के प्रतापगढ़ के तार सामने आए हैं।
एमपी पुलिस और एटीएस टीम ने प्रतापगढ़ के अखेपुर में बुधवार को दबिश दी, जहां एक को हिरासत में लिया, कई लग्जरी वाहन जप्त किए।