बगरोदा में मशीन बनवाने के लिए पहुंचा था
ड्रग्स फैक्ट्री के पास ही मशीन बनाने की एक कंपनी जिसके मालिक ने भी दावा किया है कि ड्रग्स फैक्टरी के मालिक उसके पास मशीन बनवाने के लिए 3 से 4 महीने पहले पहुंचे थे। मशीन के कंपनी के मालिक का कहना है कि कीटनाशक दवा बनाने की मशीन का बोल कर फैक्ट्री मालिक उसके पास आए मशीन उन्होंने जल्द से जल्द बनाने की बात कही और मोलभाव भी किया लेकिन सौदा नही पटा जिसके बाद वो वापस चले गए।आरोपी अमित चतुर्वेदी के घर पहुंची पुलिस
ड्रग्स फेक्टरी को संभालने वाले आरोपी अमित चतुर्वेदी के घर पुलिस जांच के लिए पहुंची । हालांकि घर पर ताला लगा मिला । अमित चतुर्वेदी भोपाल के कोटरा के द्वारका नगर में रहता है। पुलिस जब उसके घर पहुंची तो उसके घर पर ताला लगा मिला था । अमित की पत्नी और दो बच्चे साथ में रहते है अमित की मां की भी जानकारी सामने आई है जिसे लेकर ये बताया कि वो अमित के अन्य भाई के साथ रहती है । आसपास के लोगों ने बताया है कि अमित की पत्नी 2 दिन से घर पर नहीं है ।बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र के 400 प्लॉट में से 275 खाली, बाकी बेनामी
बगरोदा में तमाम बेनामी फैक्ट्रियां हैं। इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए करीब 400 प्लॉट उद्योगपतियों को आवंटित किए गए थे। उनमें से अब तक करीब 125 फैक्ट्रियां चालू हो गई हैं। 275 प्लॉट खाली ही हैं। आधे-अधूरे निर्माण हुए हैं।स्थानीय उद्यमियों ने बताया कि बगरौदा इलाके में इंडस्ट्री जरूर डेवलप की जा रही है, लेकिन यहां सुविधा और सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इंडस्ट्रियल कॉमप्लेक्स तक पहुंचने के लिए न तो बेहतर सड़कें हैं और न ही सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था। क्षेत्रीय कटारा हिल्स थाने की दूरी ज्यादा होने के चलते उद्यमी हमेशा असुरक्षा में रहते हैं। बदहाल सड़कों की वजह से परिवहन व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसका सीधा असर व्यापार पर भी पड़ रहा है।