एनसीबी टीम सोमवार को फैक्ट्री पहुंची, कार्रवाई के बाद दिल्ली रवाना हुई। फैक्ट्री सील कर पुलिस तैनात कर दी। फैक्ट्री के कागज में मालिक जयदीप सिंह और खरीदने वाले एसके सिंह पर भी एफआइआर दर्ज की। सिंह ने ही अमित को फैक्ट्री किराए पर दी। उसे गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही है, जयदीप फरार है।
6 महीने पहले सान्याल ने जेल से ही फैक्ट्री के लिए फाइनेंस किया और जेल से बाहर आते ही 3 महीने पहले उत्पादन शुरू कर दिया। फैक्ट्री में 3 लोग हमेशा रहते, श्रमिकों की जरूरत पड़ती तो उन्हें साबुन या फर्टिलाइजर बनाने की फैक्ट्री बताकर काम पर लगाया जाता। ड्रग्स गिरोह लंबे समय एक जगह उत्पादन नहीं करते।वे छह माह बाद बगरोदा से शिफ्ट होने वाले थे।
तस्कर हरीश ने एटीएस और पुलिस पूछताछ में उगले कई नाम
मंदसौर. एमडी ड्रग के मुख्य सप्लायर हरीश आंजना की गिरफ्तारी के बाद एटीएस और मंदसौर एसपी सहित अन्य ने रविवार रात पूछताछ की। आंजना को एटीएस गुजरात को सौंप दिया। एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि पूछताछ में हरीश ने छह माह से एमडी ड्रग सप्लाई की बात स्वीकार की। ड्रग का सामान और केमिकल गुजरात के वापी, अहमदाबाद से लाए। राजस्थान के देवलजी का शोयब लाला के साथ कारोबार कर रहा था। एक और सह्रश्वलायर प्रेमसुख पाटीदार फरार है। पाटीदार का बहनोई सुवासरा में कांग्रेस नेता है। एटीएस को आरोपी ने मंदसौर, प्रतापगढ़ के कुछ और लोगों के नाम बताए।
आरोपी और उनकी भूमिका
सान्याल बाने: फैक्ट्री में ड्रग्स उत्पादन का काम, ड्रग्स को बनाने का फॉर्मूला सान्यल को ही पता था, इसीलिए मशीन चलते समय वो हमेशा यहीं रहता था। अमित चतुर्वेदी: सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी का बेटा। लॉजिस्टिक्स संभालता, मटेरियल व लेबर का इंतजाम, माल फैक्टरी से भेजने की जिम्मेदारी। पुराना क्राइम रिकार्ड नहीं मिला। हरीश आंजना: सप्लाई का पूरा नेटवर्क हरीश का, पुराना ड्रग पैडलर है। ड्रग्स को अन्य राज्यों में सप्लाई करवाना। चार मामले दर्ज, दो एनडीपीएस के ग्वालियर और दो मंदसौर के नाहरगढ़ में। ग्वालियर से फिलहाल जमानत पर।
दो और गिरफ्तार
मंदसौर नारकोटिक्स विंग ने सोमवार को डेढ़ सौ ग्राम एमडी के साथ दो तस्कर गिरफ्तार किए। दोनों से पूछताछ जारी है। सफेमा के तहत होगी कार्रवाई
आरोपियों पर सफेमा के तहत कार्रवाई की जाएगी। अवैध कमाई से अर्जित संपत्ति को ध्वस्त करेंगे। आरोपियों के संरक्षक किसी भी दल के हो, उन परभी कार्रवाई होगी।