शरीर के अंग हो रहे पत्थर
जब किसी इंसान को यह महसूस होने लगे कि उसका मुंह, जीभ, आंखे, कान और नाक पत्थर की होती जा रही हैं तो उसक व्यक्ति की अगले 6 माह के बाद मृत्यु निश्चित होती है।
प्रतिबिंब न दिखना
जब कोई व्यक्ति अपने प्रतिबिंब को पानी, तेल और सीसे में देखने में असमर्थता महसूस करने लगे तो यह इस ओर इंगित करता है कि व्यक्ति की मौत अगले 6 महीनों के अंतराल में होने वाली है।
हाथ में मरोड़ उठना
जब किसी इंसान के बाएं हाथ में अजीब तरह की मरोड़ आने लगे और यह मरोड़ एक हफ्ते से ज्यादा तक जारी रहे तो समझ लीजिए वह इंसान एक महीने से ज्यादा नहीं जिएगा।
रंग पीला पड़ना
भगवान शिव के मुताबिक जब व्यक्ति के तन का रंग हल्का पीला पड़ने लगे या सफेद व थोड़ा सा लाल पड़ने लगे तो यह इस ओर इशारा करता है कि व्यक्ति की मौत अगले 6 महीने के अंतराल में होने वाली है।
न दिखे प्रकाश
जब कोई व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य व अग्नि के प्रकाश को देखने में असमर्थता महसूस करने लगे तो यह बताता है कि वह व्यक्ति 6 महीने में मर जाएगा।
नहीं दिखाई देती छाया
जो लोग अपनी वास्तविक उम्र से ज्यादा जीते हैं उन्हें उनकी छाया दिखाई नहीं देती। और जिन्हें दिखाई देती है उन्हें धड़ रहित छाया दिखाई देती है। जो भयभीत करने वाली होती है।
दांतों से आने लगे पस
अगर व्यक्ति की जुबान में सूजन आ जाए और उसके दांतों से पस बहने लगे तो यह बताता है कि व्यक्ति 6 महीनें से ज्यादा नहीं जिएगा।
आसमान दिखे लाल
जब व्यक्ति को सूर्य, चंद्रमा और आसमान सिर्फ लाल नजर आने लगे तो यह बताता है कि व्यक्ति अगले 6 महीनों में मर जाएगा।
हाथ की रेखाएं
इसके अलावा मनुष्य के हाथ की रेखाएं भी मृत्यु के बारे में बहुत कुछ कहती हैं। अगर मनुष्य के हाथ में दी गई जीन रेखा छोटी है तो यह अल्प आयु की ओर इशारा करती है। भगवान विष्णु कहते हैं कि मृत्यु का संबंध मनुष्य के शरीर से है उसकी आत्मा से नहीं।
हमारे पत्रकार से चर्चा के दौरान भोपाल के वैडिंग शोरूम मैनेजर नवनीत सिंह ने बताया कि जब मैं ग्रेजुएशन में था उस दौरान मेरे साथ कई बार ऐसा होता था कि देर रात घर जाता था। घर जाने के बाद जब मैं अपने रूम में अकेला होता था तो मुझे बार-बार ये एहसास होता था कि कोई लगातार मुझे देख रहा है। कुछ मिनट के अंतराल में मेरे साथ बार-बार ऐसा होता था। कई दिनों तक ऐसा होने पर मैनें अपने रूम को छोड़ दिया।
– नवनीत सिंह
वैडिंग शोरूम मैनेजर
मौत आने से पहले क्या होता है (maut ane se pahle kya hota hai)
मृत्यु का भय शायद इस सृष्टि का सबसे बड़ा भय है। हर किसी को यह डर सताता रहता है कि आज नहीं तो कल उसे इस मोह माया के बंधन को तोड़कर जाना ही होगा, अब ना जाने वह पल कब आएगा और कैसे आएगा। यूं तो कभी कोई भी मनुष्य अपनी मौत के समय का अनुमान नहीं लगा सकता लेकिन कुछ ऐसे संकेत हैं जो आने वाली मौत की ओर साफ इशारा करते हैं। संबंधित विषय पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि मृत्यु से कुछ दिन पहले व्यक्ति का खाना-पीना बंद हो जाता है, उसकी भूख-प्यास दोनों खत्म हो जाती है। यह पहला संकेत है कि अब उस व्यक्ति का अंत निकट है।
मृत्यु गंध ( maut ki gandh)
अभी इस बारे में वैज्ञानिकों भी कुछ नहीं कह पाए है लेकिन ज्योतिषों द्वारा ऐसा माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके पास यमराज आते है तो शव के पास से अलग प्रकार की गंध आने लगती है।
मृत्यु का सही समय ( maut ka samaye)
मनुष्य अपनी मृत्यु का समय जान सकता है? इस प्रश्न का आधुनिक विज्ञान, तर्क या अध्यात्म में विश्वास रखने वाले लोग अपने दृष्टिकोण से जवाब दे सकते हैं, लेकिन विभिन्न शास्त्रों में मृत्यु के अनुमान के बारे में काफी जानकारी दी गई है। एक मंत्र के बारे में भी ऐसा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र के जरिए मनुष्य अपनी मृत्यु के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
ये है मंत्र
ऊँ ऋतं सत्यं परब्रह्म पुरुषं कृष्णपिंगलम्।
ऊर्ध्वलिंगं विरूपाक्षं विश्वरूपाय नमो नमः।।
कैसे करें जाप
जब सूर्य या चंद्रग्रहण आए तो इसकी एक माला का जाप करें। तत्पश्चात तीन रात्रि को सोते समय तीन माला का जाप करें। कहते हैं कि अगर मंत्र जाप के दौरान ऋतं शब्द न आए तो जीवन की अवधि छह महीने समझनी चाहिए। इसी प्रकार सत्यं न निकले तो पांच महीने, परब्रह्म शब्द न आए तो चार महीने, पुरुषं न आए तो तीन महीने, कृष्णपिंगलम् न आए तो दो महीने, ऊर्ध्वलिंगं न आए तो एक महीने की आयु शेष समझनी चाहिए। आगे कहा गया है कि अगर विरूपाक्षं शब्द उच्चारण में न आए तो 15 दिन, विश्वरूपाय न आए तो 3 दिन और नमो नमः न बोल सकें तो एक दिन की आयु शेष रहती है।