हॉस्टल में शौचालय तक की नही पर्याप्त व्यवस्था छात्र-छात्राओं के हॉस्टल के लिए 150 कक्ष तैयार किए जा रहे हैं। इसमें 75 कमरे छात्रों और इतने ही छात्राओं के लिए हैं। सूत्रों के अनुसार विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त शौचालय तक की व्यवस्था नही की गई है।
इधर, इंटीरियर के काम के लिए अजीब शर्त यही नही इंटीरियर में किए जा रहे काम में भी अपनों को उपकृत किए जाने की तैयारी की जा रही है। हाउसिंग बोर्ड ने इंटीरियर के लिए ऐसी शर्तें जोड़ दी जो शासन के नियमों में ही नहीं है। 40 करोड़ रुपए के काम के लिए निकाले गए टेंडर में समान प्रकृति के काम के लिए 5 साल तक लगातार 80 करोड़ यानी 400 करोड़ रुपए का टर्नओवर मांग लिया। यही नहीं इंटीरियर वर्क में करीब 10 प्रकार का काम शामिल है, लेकिन सिर्फ फर्नीचर बनाने वाले ही इसमें शामिल हो सकते हैं। जबकि फर्निशिंग, वायरिंग, लाइटिंग, सीसीटीवी कैमरे, ईपीएबीएक्स, नेटवर्र्किंग, प्रोजेक्टर आदि का काम भी इसमें किया जाना है। लोक निर्माण विभाग के नियमानुसार किसी काम की लागत का 50 फीसदी तक टर्न ओवर वाली फर्म और कंपनी इसके लिए पात्र हो सकती है।
वर्जन बिसनखेड़ी में निर्मित की जा रही विवि की नई बिल्डिंग के निर्माण कार्य को रोकने के लिए हाउसिंग बोर्ड को पत्र लिखा है। यहां इंटीरियर पर खर्च के लिए जरूरत से ज्यादा प्रावधान किया गया है। इन पैसों से विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं।
दीपक तिवारी, कुलपति पत्रकारिता विवि भोपाल