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भोपाल

अध्यादेश नहीं, अधिसूचना से कमिश्नर प्रणाली की तैयारी

भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को अध्यादेश या विधेयक की बजाय सीधे नोटिफिकेशन के जरिए लागू करने की तैयारी है।

भोपालMar 29, 2018 / 11:15 am

KRISHNAKANT SHUKLA

भोपाल . प्रदेश के दो महानगरों भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को अध्यादेश या विधेयक की बजाय सीधे नोटिफिकेशन के जरिए लागू करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय ने 24 घंटे के भीतर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा (8) में इस प्रणाली के नोटिफिकेशन का मसौदा तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया। यह मसौदा पश्चिम बंगाल के आसनसोल-दुर्गापुर की तर्ज पर तैयार किया गया है।

इसमें विधि विभाग की मंजूरी मिलना है। वहां से हरी झंडी मिलते ही राज्य सरकार इसे नोटिफिकेशन से लागू कर सकती है। पुलिस कमिश्नर को प्रतिबंधात्मक और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाएंगे। मसौदे के अनुसार दोनों शहरों के नगरीय क्षेत्र में पुलिस कमिश्नर सर्वेसर्वा हो जाएंगे। भोपाल पुलिस कमिश्नर के अधीन नगरीय क्षेत्र के 35 और इंदौर कमिश्नर के पास 29 थाने होंगे। डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने सागर में कहा, आवश्यकता के अनुरूप व्यवस्था में बदलाव जरूरी है।

ये होंगे नियम
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा (8) की उपधारा 1 के तहत राज्य शासन किसी भी क्षेत्र को पुलिस कमिश्नर प्रणाली प्रयोजन के लिए मेट्रोपोलिटिन क्षेत्र घोषित कर सकता है। पुलिस एक्ट 1861 की धारा (2) के तहत ऐसे मेट्रोपोलिटिन क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पुलिस कमिश्नर घोषित किया जा सकता है। ये अधिकारी आइजी स्तर के होंगे। पुलिस कमिश्नर को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा (20) की उपधारा (5) के तहत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए जा सकते हैं।

भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर का मुख्यालय अलग-अलग होगा। यह शहर दो जोन में बंटेंगे। पुलिस कमिश्नर के पास एक-एक डिप्टी कमिश्नर और तीन-तीन उपायुक्त रहेंगे। इनके अधीन पुलिस थाने, महिला थाने, सीआइडी, यातायात जैसी विंग होगी। जोन को थानों के हिसाब से सर्कल में बांटा जाएगा। हर सर्कल
पर एक इंस्पेक्टर तैनात होगा।

आइएएस एसोसिएशन नाराज
अधिकारों में कटौती को देखते हुए प्रस्तावित कमिश्नर प्रणाली को रोकने के लिए आइएएस एसोसिएशन सक्रिय हो गई है। एसोसिएशन की अध्यक्ष गौरी सिंह और पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया बुधवार को प्रदेश से बाहर थे, इसलिए एसोसिएशन की बैठक अब गुरुवार को होगी।

आइएएस अफसर इस नोटिफिकेशन की गंभीरता को समझकर वैकल्पिक रणनीति बनाएंगे। उधर, राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर भी विरोध में उतर आए हैं। बुधवार को बैठक के बाद राप्रसे संघ के प्रांताध्यक्ष जीपी माली ने बताया कि आइएएस एसोसिएशन जो स्टैंड लेगी, हम समर्थन करेंगे।

 

किसने क्या कहा
एसीएस (गृह) केके सिंह ने कहा, नोटिफिकेशन का प्रस्ताव आया है। प्रक्रिया में समय लगेगा। कब लागू होगा, कहना संभव नहीं। आइएएस एसोसिएशन के संजय गोयल ने कहा, अभी हमने कोई स्टैंड नहीं लिया है। हम पहले तय कर लें कि इस मुद्दे पर क्या करना है, उसके बाद ही कुछ कह सकेंगे। आइपीएस एसोसिएशन के संजय राणा ने कहा, कमिश्नर प्रणाली में अधिकार मिलने से पुलिस अपराध नियंत्रण पर बेहतर ढंग से फोकस कर सकेगी। हम सिर्फ दो शहरों की बात कर रहे हैं, बाकी तो आइएएस अफसरों के पास ही रहेंगे।

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