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भोपाल

हरदा का दर्दः रहीम की मौत हुई तो दिनेश का दाना-पानी उठ गया

पत्रिका ने जब भोपाल आए घायलों से बात की तो हर किसी के पास जो दर्द था उसने सभी की आंखें नम कर दी…।

भोपालFeb 07, 2024 / 03:10 pm

Manish Gite

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किसी के माता-पिता का शव तक नहीं मिला, तो किसी के भाई-बहन इस दुनिया में नहीं रहे। किसी का दाना-पानी उठ गया तो किसी के जीवनभर की पूंजी नष्ट हो गई। न छत बची न खाने के लिए एक भी दाना बचा। कई लोग बेरोजगार होकर अब अपने घर लौटने लगे।

पत्रिका ने जब भोपाल आए घायलों से बात की तो हर किसी के पास जो दर्द था उसने सभी की आंखें नम कर दी…।

घर में शादी है। फैक्ट्री के पास रिश्तेदार रहते हैं। भाई विशाल कौशल के साथ उन्हें निमंत्रण देने गई थी। या पता था, जान के लाले पड़ जाएंगे। ये कहते हुए मनीषा फफक पड़ीं। राजधानी कॉलोनी में रहने वाली मनीषा पति दिलीप कौशल इस घटना में घायल हो गई हैं। उन्हें हरदा अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपने चेहरे पर दर्द के भावों को संभालते हुए वे बोलीं-रिश्तेदार के यहां पहुंचे भी नहीं थे कि अचानक धमाका हुआ। हम गाड़ी समेत गिर पड़े। काफी देर तक कुछ समझ ही नहीं आया। कान सुन्न पड़ गए। धड़कनें तेज हो गईं।

 

अंदर हॉल में भर रहे थे बारूद, अचानक हुआ धमाका

हमीदिया में भर्ती महेंद्र कुशवाह की बहन सुनीता ने बताया, सुबह 11.30 बजे अचानक विस्फोट हुआ। इसमें भाई समेत फैक्ट्री में 200 लोग घायल हो गए। सुनीता ने बताया, अंदर एक हॉल है, जिसमें सिर्फ बारूद भरे जाते थे। मेरा अनुमान है कि उसी में आग पहुंचने से धमाका बड़ा हो गया। फैक्ट्री में 250-300 लोग काम करते थे। जगह-जगह लाशें और लोगों के अंग बिखरे पड़े थे।

विस्फोट होते ही रहीम दीवार से टकराए, मौत

हादसे में मृत रहीम खान के साले वहीद ने बताया, विस्फोट के समय रहीम फैक्ट्री में काम कर रहे थे। धमाके से वे दूर दीवार से टकराए। वे बेहोश हो गए। उन्हें जिला अस्पताल ले गए। फिर हमीदिया रेफर कर दिया। यहां उनकी मौत हो गई। फैक्ट्री की हालत बेहद बुरी थी। कोई देखने वाला नहीं था।

 

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आधे घंटे के बीच हुए दो धमाके, कई किलोमीटर तक गूंजी आवाज

बैरागढ़ गांव में हादसा स्थल से 500 मीटर दूरी पर सांई नाश्ता दुकान के संचालक दिनेश मालवीय और उनके बेटे ने बताया कि सुबह 11:00 से 11:30 के बीच में कुल दो धमाके हुए। अनिल बताते हैं कि उन्हें समझ आ गया था क्योंकि इससे पहले भी इस क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री में तीन हादसे हो चुके हैं, अत: उन्होंने ताबड़तोड़ दुकान बंद की। इसके साथ ही अचानक दूसरा धमाका इतना तेज हुआ के उसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। बैरागढ़ में तो मकान दुकान की छत, दीवारें, खिड़कियां सब में दरारें आ गई।

 

आधा किमी तक घरों पर गिरे पत्थर तो किसी की दुकान की छत उड़ गई

पटाखा फैक्ट्री से 500 मीटर दूर गायत्री किराना दुकान के संचालक नीलेश शर्मा बताते हैं कि लोगों के घरों में पत्थर उड़ कर आए। खुद उनकी दुकान के कांच और शटर फूट गए। नितेश शर्मा का कहना है कि छोटे पत्थर तो आधा किलोमीटर दूर तक उड़कर लोगों को लगे हैं। जो फैक्ट्री के नजदीक ही दुआ देखकर रुक गए वह भी इसकी जद में आ गए।

 

धमाका होते ही बच्चे-शिक्षक भागने लगे

खंडवा रोड पर स्थित आईटीआई परिसर में शिक्षक हो या बच्चे सभी अपना सामान और वाहन छोड़ वहां से भाग खड़े हुए। चौकीदार राजू शर्मा ने बताया कि पहले छोटा धमाका हुआ फिर अचानक बड़ा गूंजा। वहीं कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे, इसी बीच अचानक बड़ा विस्फोट हुआ।

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