फ्लाइंग स्कॉट की टीम के जांच के दायरे में एक मशहूर शायर को भी सामना करना पड़ा। मनोहर डेयरी के पास टीम ने इंदौर के रहने वाले शायर की कार रोककर जांच की तो उनके बैग में एक लाख रुपए नकदी मिली। पुलिस ने शायर से रकम के बारे में पूछताछ की तो वह पुलिस पर ही भड़क गए।
वह हनुमानगंज टीआई चैन सिंह रघुवंशी से बहस करते हुए सड़क पर ही हंगामा करने लगे। वह जोर-जोर से चिल्लाते रहे कि पुलिस मेरा पैसा लेकर भाग गई है। जब पुलिस उनकी एक नहीं सुनी तो शायर ने एक एडीजी को फोन किया। एडीजी ने पुलिस को बताया कि वह मशहूर शायर हैं। वह एक कार्यक्रम से आ रहे हैं। तब पुलिस ने शायर को जाने दिया। इसके बाद वह इंदौर के लिए रवाना हो गए।
तेल-पोल्ट्री फार्म कारोबारी के पास मिले साढ़े सात लाख
पुलिस ने मनोहर डेयरी के पास तेल कारोबारी विजय नगर निवासी संजय वाधवानी की कार की जांच की। उनकी कार की तलाशी लेने पर बैग में पांच लाख रुपए मिले। उन्होंने बरामद रकम बैंक में जमा करने के लिए ले जाना बताया। पुलिस को वह रकम के बारे में स्पस्ट सबूत नहीं दे सके। ऐसे में रकम जब्त कर ली गई। इसी तरह सुदामा नगर निवासी पोल्ट्री फार्म कारोबारी मोहम्मद सलीम भाई की कार से लगभग ढाई लाख रुपए बरामद हुए। बरामद रकम के बारे में दस्तावेज नहीं दिखाने पर पुलिस ने उसे जब्त कर लिया।
भाजपा नेता-मजिस्ट्रेट की कार की हुई जांच
कार्रवाई में इस दौरान कई नेताओं, अफसरों के वाहनों की जांच की गई। भाजपा नेता रमेश चंन्द्र शर्मा उर्फ गुट्टू भइया की कार भी पुलिस ने रोकी। शर्मा ने पुलिस का सहयोग करते हुए अपनी कार की तलाशी लेने दी। इस दौरान एक मजिस्ट्रेट की कार को भी पुलिस ने रोककर तलाशी ली।
गुजरात के ठेकेदार ने किया हंगामा
इधर, हबीबगंज थाना पुलिस ने थाने के नजदीक गुजरात रजिस्ट्रेशन नम्बर की कार रोकी। इसमें कार सवार ठेकेदार नीलेश के पास बैग में एक लाख, 74 हजार छह सौ रुपए मिले। यह रकम उसने कारोबार की होने का दावा करते हुए बताया कि वह ठेकेदार हैं। नीलेश खुद को मूलत: गुजरात का रहने वाला बताया। उनकी पुलिस से काफी देर तक बहस भी हुई। इसी तरह टीटी नगर पुलिस ने माता मंदिर के नजदीक हर्षवर्धन नगर निवासी अंशुल बमरौलिया की कार रोकी। उनके पास से दो लाख 60 हजार रुपए मिले। अंशुल ने बताया कि रकम उनके कारोबार की है। पूछताछ में उन्होंने लोहा कारोबारी होने के प्रमाण पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किए। लेकिन, पुलिस ने रकम जब्त करके एसएसटी टीम को जांच के लिए सौंप दिया।