दरअसल, अजय सिंह के नाम पर चर्चा मंगलवार को और तेज हो गई है, जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ उनकी मुलाकात हुई। उसके बाद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि यह जिम्मेदारी उपयुक्त व्यक्ति को मिलनी चाहिए। वहीं, अजय सिंह के समर्थक लगातर यह मांग भी कर रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी उन्हें मिले। ऐसे में कयास है कि विधायक एक साथ लामबंद होकर उनकी दावेदारी को मजबूत कर रहे हैं।
वहीं, जानकारी के अनुसार अजय सिंह से मिलने के लिए मंत्री गोविंद सिंह भी उनके बंगले पर पहुंचे हैं। बंद कमरे के अंदर विधायकों के साथ अजय सिंह की मीटिंग हुई। बैठक के बाद अजय सिंह ने कहा कि मैं इस रेस में नहीं हूं। प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इस पर अंतिम निर्णय सोनिया गांधी लेंगी। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाने के लिए तैयार हूं।
हालांकि अजय सिंह की ये कवायद हो सकती है कि विधायकों को अपने आवास पर एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन करें। क्योंकि सियासत में ताकत की काफी अहमियत होती है। वहीं, इस रेस में बाला बच्चन का नाम भी आगे चल रहा है। लेकिन जितनी तेज हलचल है, उससे तो यही लग रहा है कि जल्द प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अंतिम फैसला होने वाला है।
नेता प्रतिपक्ष रहे हैं अजय सिंह
अजय सिंह पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे हैं। वह चुरहट से विधायक रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को पंद्रह सालों बाद मध्यप्रदेश में सत्ता मिली तो वह चुरहट से चुनाव हार गए। अजय सिंह के बेटे अरुणोदय सिंह बॉलीवुड में अभिनेता हैं। लेकिन संगठन के अंदर अजय सिंह की पकड़ मजबूत है।