आलोक शर्मा 5 लाख 1 हजार 499 वोटों से जीते
भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी आलोक शर्मा ने 5 लाख 1 हजार 499 वोटों से जीते उन्हें कुल 9 लाख 81 हजार 109 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अरुण श्रीवास्तव को 4 लाख 79 हजार 610 वोट मिले। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भोपाल लोकसभा सीट से पार्टी के सीनियर नेताओं में शुमार अरुण श्रीवास्तव को उम्मीदवारी सौंपी है। कायस्थ समाज से आने वाले अरुण श्रीवास्तव वैसे तो पेशे से वकील हैं, लेकिन साथ ही वो कांग्रेस पार्टी में बी कई जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। बता दें कि अरुण श्रीवास्तव कांग्रेस पार्टी की भोपाल ईकाई के उपाध्यक्ष समेत कई अहम पदों पर रहे हैं।
भोपाल लोकसभा सीट का महत्व
भोपाल लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से 5 सीटें भाजपा और 2 सीटें कांग्रेस के पास हैं। भोपाल लोकसभा सीट के तहत बैरसिया, भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण और पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा सीटें आती हैं। यह भी पढ़ें- सिंहस्थ से पहले यहां बनेगी स्पिरिचुअल सिटी, फिर दुनिया का केंद्र बनेगा ये शहर भोपाल लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास क्या है?
भोपाल गैस कांड से पहले भोपाल लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। लेकिन इसके बाद से भाजपा का इस सीट पर कब्जा बना हुआ है। इस सीट पर अबतक 16 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें ये लोकसभा सीट 9 बार भाजपा तो 5 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा यहां से 1 बार जनसंघ और भारतीय लोकदल ने भी जीत दर्ज की है।
प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय को साढ़े तीन लाख वोटों से हराया
कांग्रेस को यहां 1957, 1962, 1971, 1980 और 1984 में जीत मिली है। यानी उस समय इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन भोपाल गैस कांड के बाद से यहां की तस्वीर बदली। तब से लेकर अबतक यानी 1989 से लेकर 2019 तक इस सीट पर लगातार भाजपा जीत रही है। सबसे ज्यादा बार भाजपा के सुशील चंद्र इस सीट से सांसद रहे हैं। 2019 में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को इस सीट पर टिकट दिया गया था, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को साढ़े तीन लाख से अधिक वोटों से हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी।