लिफ्ट का वायर टूटा, चौथे माले से नीचे गिरी, युवक घायल
शाहपुरा थाने के पास मारुति नंदन कॉम्पलेक्स के लिफ्ट का वायर टूट गया। इससे चौथे माले पर पहुंचने से पहले लिफ्ट नीचे आ गिरी। हादसे लिफ्ट में सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसकी रीढ़ में चोट आयी है। उंगलियां भी चोटिल हुई हैं।
भोपाल. शाहपुरा थाने के पास मारुति नंदन कॉम्पलेक्स के लिफ्ट का वायर टूट गया। इससे चौथे माले पर पहुंचने से पहले लिफ्ट नीचे आ गिरी। हादसे लिफ्ट में सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसकी रीढ़ में चोट आयी है। उंगलियां भी चोटिल हुई हैं। बेसमेंट में पानी भरा होने की वजह आधी लिफ्ट तक पानी भर गया। आधे घंटे की मशक्कत के बाद लिफ्ट की चाबी मिलने पर रहवासियों ने युवक को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। बेसमेंट में दो से तीन फीट पानी और होता लिफ्ट पानी में डूब जाती।
लिफ्ट से गिरे युवक की आपबीती
दर्द से आह निकली, पानी ने बचाया और डराया
दोपहर दो बजे के आस-पास लिफ्ट से ऊपर जा रहा था। तीसरे माले के थोड़ा ऊपर पहुंचते ही लिफ्ट की चेन टूट गई। वह तेजी से नीचे आने लगी। बेसमेंट में पानी भरा था उसमें तेज आवाज के साथ गिरी। इससे मुझे रीढ़ की हड्डी में चोट आई। उंगलियां बुरी तरह जख्मी हो गईं। तेजी से चिल्लाते हुए धड़ाम से नीचे गिरा। नीचे का दृश्य डरावना था। लिफ्ट मे तेजी से पानी भरने लगा। कमर तक डूब चुका था। बसमेंट फुल हो जाता तो स्थिति कुछ और होती। जान जा सकती थी। पानी भरा था इसलिए जान बच गयी।
– जितेंद्र सोनी, पीडि़त
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270 सोसायटियों में समस्या
शहर की 15 से 20 साल पुरानी करीब 270 रहवासी सोसायटियों और 55 कमर्शियल कॉम्पलेक्स में लिफ्ट पुरानी हो गयी हैं। इनका मेंटेनेंस न होने के कारण यह सभी जानलेवा हैं। इनका लाखों लोग रोजाना जान जोखिम में डालकर उपयोग करते हैं।
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मनमर्जी की सोसाइटियां
शरी की तमाम रहवासी समितियां फर्म एंड सोसायटी के रजिस्ट्रेशन पर चल रही हैं। जबकि इनका सहकारिता विभाग में रजिस्ट्रेशन कराकर चुनाव होना चाहिए। पदाधिकारी सोसायटी की लिफ्ट का मेंटेंनेस करवाते हैं। लेकिन यहां सब मनमर्जी चल रहा है।।
मप्र में नहीं है लिफ्ट एक्ट, कहां करें शिकायत
मप्र में इंदौर, भोपाल व अन्य शहरों में बड़ी बड़ी बिल्डिंग, कमर्शियल कॉम्पलेक्स बने हैं। लेकिन लिफ्ट एक्ट नहीं है। लिफ्ट की जांच में लोड और अर्थिंग का परीक्षण होता है। मुंबई लिफ्ट एक्ट 1939 को अपडेट करते हुए 10 राज्यों ने अपने यहां लिफ्ट एक्ट बनाए हैं। मप्र इसमें शामिल नहीं है। नियम के नाम पर यहां लिफ्ट के लाइसेंस जारी होते हैं। कई बिल्डरों ने तो यह भी नहीं लिया है। एक्सलेटर का भी कोई नियम कानून नहीं। ऐसे में हादसे के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।
– राजधानी में हुए हादसे
– अप्रेल 2022-लालघाटी एरिया में क्योर वैल हॉस्पिटल की लिफ्ट गिरी 5 घायल
– फरवरी 2021-कोहेफिजा के नील गगन हाइट्स बिल्डिंग में लिफ्ट गिरी, 7 घायल
– जून 2020- कोलार के विधान एलीना सोसायटी की लिफ्ट गिरी, 6 जख्मी
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कार्यालय मुख्य अभियंता विद्युत सुरक्षा एवं मुख्य विद्युत निरीक्षक सतपुड़ा भवन से एनओसी जारी होती है। वहीं से लिफ्ट की जांच कर एनओसी जारी की जाती है। मेंटेनेंस से संबंधित कोई काम नगर निगम नहीं करता है। यह संबंधित सोसायटियों का काम है।
प्रदीप जैन, चीफ इंजीनियर, नगर निगम
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चार साल पहले हमने सरकार को पूरा ड्राफ्ट बनाकर दिया था। जिसमें व्यावसायिक और रहवासी सोसायटी में लगी लिफ्ट की हर छह माह में नियमित सर्विस हो। साल में कम से कम एक बार लिफ्ट इंस्पेक्टर से परीक्षण कराया जाए। न करने पर उसे सील तक करने का प्रावधान हो। ऐसे कई और नियम बनाकर सरकार को दिए हैं। इस समय लिफ्ट से संबंधित कानून की सख्त जरूरत है।
वेदप्रकाश, पूर्व अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग
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