साइबर तहसील के तहत जमीन से जुड़े मामलों को ऑनलाइन दर्ज करने से लेकर उन पर निर्माण या ले-आउट मंजूरी की प्रक्रिया ऑनलाइन डिजिटली तय की गयी है। अभी भू आधार पर काम नहीं हुआ है, लेकिन केंद्रीय बजट के बाद संभव है कि खसरों के आधार पर नया भू-आधार नंबर दिया जाएगा।
ऐसे करेगा काम
● भूखंड को जीपीएस से जियोटैग कर भौगोलिक स्थिति तय की जाएगी। ● सर्वेक्षणकर्ता आधारित भौतिक सत्यापन रहेगा। ● भूखंड के मालिक, उपयोग, श्रेणी, क्षेत्र का विवरण होगा। ● भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली में नंबर दर्ज होगा। ● लैंड रिकॉर्ड सिस्टम खुद ही स्वचलित 14 अंक का भू आधार तय करेगा। हम लैंड रिकॉर्ड को दुरूस्त करने का काम कर रहे हैं। डिजिटलाइजेशन तेजी से हो रहा है। सरकार की नई तकनीक व नई योजनाओं के तहत भूमि सुधार के काम निरंतर जारी रहेंगे। बजट प्रावधानों को राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप लागू किया जाएगा। कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
ये होगा लाभ
● भू आधार से जमीन विवाद घटेंगे। ● मालिकाना हक की स्थिति स्पष्ट होगी। ● भू आधार को जमीन मालिक की पहचान के साथ जोड़ा जोड़ने से फ्रॉड घटेंगे। ● किसानों को कृषि ऋण मिलने में आसानी होगी। ● दबंग किसी जमीन को कब्जा नहीं पाएंगे।