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लैंसेट की रिपोर्ट डराने वाली, 2050 तक 84 करोड़ लोग हो सकते हैं विकलांग !

भोपाल के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुनील पाण्डेय ने हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस में रिसर्च पेपर को साझा किया।

भोपालOct 18, 2024 / 12:35 pm

Astha Awasthi

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Health News: हाथ में फोन, घंटों तक एक ही स्थान पर बैठे रहना व बाहर का खाना जैसी खराब जीवनशैली रीढ़ को कमजोर बना रही है। जो जवानी में भी बुजुर्ग होनी की निशानी के रूप में सामने आ रही है। बीते पांच सालों में पीठ व कमर दर्द के मरीजों की संया में 30 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है।
यही नहीं खुशीलाल आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की एक रिपोर्ट बताती हैं कि राजधानी में काम करने वाले कुल लोगों में 16 फीसदी कमर के दर्द का सामना कर रहे हैं। इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं।
भोपाल के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुनील पाण्डेय ने हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस में रिसर्च पेपर को साझा किया। इसमें दावा किया गया है कि एंजाइटी, डिप्रेशन, धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना और खराब जीवनशैली ने कमर व पीठ दर्द की समस्या को बढ़ाने का कार्य किया है। यही वजह है कि बीते पांच सालों में पीठ व कमर दर्द के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
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इन वजहों से स्पाइन हो रही प्रभावित

● बेली फैट: बेली फैट वाले या जिनका पेट निकला होता है, उनका शरीर अंसतुलित हो जाता है इससे लिगामेंट्स खिंचते हैं।
● गलत तरीके से उठना बैठना: ऑफिस या घर में गलत तरीके से बैठना। बढ़ती उम्र में शरीर का लचीलापन कम हो जाता है। इसलिए दर्द बढ़ता है।

● एक्सरसाइज न करना: भाग दौड़ भरी जिंदगी में खुद को समय नहीं दे पाना। इससे हड्डियों और मांसपेशियों सहित कई चीजें कमजोर हो जाती हैं।
● कमजोर हड्डियां: बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर होने लगता है और हड्डियां और मांसपेशियों कमजोर होने लगती हैं।

● हर्नियेटेड डिस्क: हर्नियेटेड डिस्क रीढ़ के निचले हिस्से को कहते हैं। किसी वजह से ये बाहर निकल जाता है तो कमर दर्द का कारण बनता है।
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यह आंकड़ा है चिंताजनक

लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक करीब 84 करोड़ लोग पीठ दर्द से परेशान होंगे। ऐसे में लोअर बैक पैन आने वाले दिनों में हेल्थकेयर सिस्टम पर एक बड़ा बोझ होगा। समय पर इलाज न मिला तो विकलांगता तक आ सकती है।

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