प्रदेश में सन 2023 में विधानसभा चुनाव के पूर्व लाड़ली बहना योजना शुरु की गई थी। बीजेपी ने योजना के अंतर्गत धीरे धीरे राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह करने का वादा किया था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में लगातार आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं।
यह भी पढ़ें : एमपी में डुमना एयरपोर्ट की छत ढही, 5 माह में ही 450 करोड़ का कर दिया बंटाधार कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर एक बार फिर राज्य सरकार को घेरा है। जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार द्वारा 125 योजनाओं के फंड रोकने, राज्य के बजट और माली हालत खराब होने के कारण बार-बार लिए जा रहे कर्ज पर तंज कसा है। इसके साथ ही लाड़ली बहना योजना में 3 हजार रुपए नहीं दिए जाने की वजह बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार के बजट में कमीशन के खेल को पूरी छूट दी गई है पर बहनों को पैसे देने में कंजूसी की जा रही है।
जीतू पटवारी का का पूरा ट्वीट
- लाड़ली लक्ष्मी, पीएम जन आरोग्य (आयुष्मान भारत), महाकाल विकास समेत 47 विभागों की 125 योजनाओं को मप्र सरकार ने रोक दिया है? ये वही योजनाएं हैं, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने शुरू किया था!
- राज्य के बजट के बाद, वित्त विभाग ने निर्देश दिया है कि इन योजनाओं के लिए पैसा उसकी अनुमति के बिना नहीं निकाला जा सकता है। यही वजह है कि लाड़ली लक्ष्मी और 124 अन्य योजनाओं का फंड रुका हुआ है!
- जबकि बजट के एक हफ्ते बाद जेट विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, लेकिन राम वन गमन पथ, मंत्री बंगलों का नवीनीकरण और तीर्थ यात्रा जैसी कई योजनाओं के लिए धन रोकने का फैसला कर लिया!
- ‘फंड-होल्ड’ सूची में डाली गई परियोजनाओं के मामले में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को सबसे बड़ी मार पड़ी है! इसके बाद शहरी विकास और आवास विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास का नंबर है!
- सच यह है @BJP4India में गहरे किस्म का अंतर्विरोध पनप गया है! वर्तमान मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री की योजनाओं/नीतियों को निशाना बना रहे हैं! ऐसी योजनाएं जिनका समर्थन खुद प्रधानमंत्री ने भी किया था!
- @BJP4MP सरकार का बजट आदेश यह भी बता रहा है कि कमीशन के खेल को खुली छूट देने का पूरा प्रबंध किया गया है! मुख्यमंत्री की लग्जरी का भी ध्यान रखा गया है, लेकिन लाड़ली बहनों को ₹3000 प्रतिमाह देने में कंजूसी की जा रही है!
- पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी @DrMohanYadav51 सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में, यानी @ChouhanShivraj सत्ता से मिला था! क्योंकि, तब भी सरकार कर्ज लेकर ही सरक रही थी!
- ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है कि मप्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42,500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था! फिर मोहन यादव सरकार ने मार्च तक, मतलब केवल 3 महीनों में 17,500 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया!
- कर्ज लेकर सरकार की लग्जरी को बढ़ाया जा रहा है और चुनावी वादों से मुंह फेरकर जनहित से जुड़ी योजनाओं को बंद करने के लिए बजट पर कैंची चलाई जा रही है! #मध्यप्रदेश की जागरूक जनता भाजपा के दोगले रवैए को देख और समझ रही है!