scriptOMG! भोपाल में है एक ऐसा थाना जहां कोई नहीं चाहता जाना | Kolar police station want to go any inspector | Patrika News
भोपाल

OMG! भोपाल में है एक ऐसा थाना जहां कोई नहीं चाहता जाना

कोलार थाने के नाम से ही बिदकते हैं इंस्पेक्टर, पिछले कुछ साल में 8 टीआई हो चुके हैं लाइन हाजिर, ‘अपशकुनÓ दूर करने के लिए पूजा-पाठ में जुटे नए थानेदार

भोपालApr 24, 2016 / 09:06 am

Krishna singh

KOLAR THANA

KOLAR THANA

नीलेन्द्र पटेल. भोपाल. थानों के लिए बोलियां लगती हैं। थानेदारी हासिल करने के लिए तमाम जतन करने पड़ते हैं। अलबत्ता शहर में एक थाना ऐसा भी है, जहां की थानेदारी से वर्दी वाले डरते हैं। पुलिस महकमे में चर्चा है कि वहां की थानेदारी का मतलब है कि सजा मिलना पक्का, लाइन हाजिर तय। किसी थानेदार ने बैठने की दिशा-जगह बदली तो किसी ने पूजा कराई, लेकिन अपशकुन नहीं हटा। खाकी को डराने वाला यह थाना है कोलार थाना। इस थाने का जिम्मा संभालने वाले कई अफसरों के कॅरियर पर ग्रहण लग चुका है। कोई पीएचक्यू पहुंचा तो कोई लाइन में। पिछले कुछ साल में कोलार में तैनात आठ थानेदार लाइन हाजिर हो चुके हैं। 

आठ दागी, एक की ससम्मान विदाई
पिछले दो साल में कोलार थाने में 13 टीआई रह चुके हैं। इनमें से आठ दागी होकर बाहर निकले। इनमें सिर्फ जीपी अग्रवाल को ससम्मान विदाई दी गई। जबकि, रवींद्र बोयट, अनिल वर्मा, अलीम खान, आशीष पंवार, अब्दुल रफीक खान, अखिलेश मिश्रा व अनिल शुक्ला को लाइन हाजिर किया गया।

इन पर लगा दाग
केस-1 : अखिलेश मिश्रा
30 अगस्त 2013 को कोलार थाने का प्रभार मिला। सितम्बर 2015 में प्र्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। बाद में उनकी पत्नी ने भी कोलार थाने में ही उनके खिलाफ प्रताडऩा का मामला दर्ज कराया।

केस-2 : अनिल शुक्ला
अक्टूबर 2015 में अखिलेश मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई के बाद टीआई बने। दो माह बीते थे कि रेत माफिया से साठगांठ का ऑडियो वायरल हो गया। अनिल शुक्ला समेत चार पुलिसकर्मियों को पदों से हाथ धोना पड़ा। पांच माह तक लाइन में वक्त बिताया। इसके ठीक पहले उन्हें मिसरोद थाने से लाइन में भेजा गया था।

केस-3 : सुदेश तिवारी
जनवरी 2016 में रक्षित केन्द्र से कोलार आए। चंबल में विशेष कार्य कर आउट ऑफ टर्न टीआई बने थे। तीन महीने थानेदार रहे। किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म का केस दर्ज न करने पर लाइन अटैच हुए। उनके पक्ष में कुछ लोग सड़क पर उतरे तो अफसर और नाराज हो गए। अफसरों को यह नागवार गुजरा। नतीजतन, उनके खिलाफ बलवा और चक्काजाम का मामला दर्ज हुआ।

अवैध निर्माण लॉबी भारी
चर्चा है कि कोलार में अवैध निर्माण करने वालों की लॉबी है। इनके थानों से कई काम जुड़े रहते हैं। आरोप है कि जब इन्हें थाने से दिक्कत होती है तो गाज सीधे थानेदार पर गिरती है। इस लॉबी की पहुंच बहुत ऊपर तक है। 

Hindi News / Bhopal / OMG! भोपाल में है एक ऐसा थाना जहां कोई नहीं चाहता जाना

ट्रेंडिंग वीडियो