सीएम मोहन यादव के बीना दौरे की कई माह से प्रतीक्षा की जा रही थी। उनका यहां का दौरा तीन बार केंसिल हो चुका था लेकिन सोमवार को आखिरकार वे बीना आए। सीएम मोहन यादव ने कार्यक्रम में बीना को आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेज की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने बीना में करीब 215 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
सीएम मोहन यादव के कार्यक्रम में सागर जिले और आसपास के सभी विधायक व मंत्री पहुंचे थे। सागर की सांसद लता वानखेड़े भी कार्यक्रम में शामिल हुईं लेकिन इलाके के सबसे वरिष्ठ बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह यहां नहीं आए। उनकी अनुपस्थिति पर राजनीतिक हल्कों में कानाफूसी का दौर शुरु हो गया है। सीएम के कार्यक्रम में भूपेंद्र सिंह की अनुपस्थिति को उनकी नाराजगी से जोड़ा जा रहा है।
भूपेेंद्र सिंह न केवल सागर जिले के सबसे पुराने भाजपाई दिग्गज हैं बल्कि वे बीना की ही पड़ोस की विधानसभा सीट खुरई के विधायक भी हैं। सीएम के कार्यक्रम में भूपेंद्र सिंह के नहीं आने की वजह बीना को जिला बनाने की उनकी खिलाफत बताई जा रही है। दरअसल बीना की विधायक निर्मला सप्रे बीना को जिला घोषित करवाने पर अड़ी हैं। वे इसी शर्त पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं पर भूपेंद्र सिंह इसका विरोध कर रहे हैं। वे खुरई को जिला बनाने पर जोर दे रहे हैं। भूपेंद्र सिंह पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाते हैं।
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हालांकि सीएम मोहन यादव ने अपने संबोधन की शुरुआत मेें ही पूर्व मंत्री और खुरई विधायक भूपेेंद्र सिंह के कार्यक्रम में न आने की वजह बता दी। सीएम ने बताया कि भूपेंद्र सिंह को बहुत जरूरी काम है। उन्होंने मुझे मोबाइल कर अपनी मजबूरी बताई। सीएम ने बताया कि खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह ने उनकी अनुपस्थिति को भी उपस्थिति मानने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने बीना को जिला बनाने के संबंध में अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आते ही बीना को जिला बनाएंगे।