क्षेत्र के दर्जनों गांव के आवारा मवेशियों को बंद करने के लिए वर्षो पहले सतलापुर, दाहोद एवं नूरगंज में शुरू किए गए कांजी हाउस आर्थिक तगी की भेंट चढ़ गए हैं। शासन द्वारा मंहगाई के अनुरूप मवेशियों को रखे जाने की दरों में उचित वृद्धि नही करने के चलते सतलापुर और दाहोद के कांजी हाउस बंद कर दिए गए।
पंचायत को इनके संचालन में घटा हो रहा था। जिसके चलते करीब ७ वर्ष पूर्व सतलापुर एवं ६ वर्ष पूर्व दाहोद पंचायत ने विवश होकर इन्हे बंद कर दिया गया। सतलापुर और दाहोद के कांजी हाउस बंद होने से अब क्षेत्र में केवल नूरगंज का एक मात्र कांजी हाउस बचा है।
नूरगंज के भी हालात खराब
क्षेत्र में सतलापुर ग्राम पंचायत, पिपलिया लोरका, नयापुरा मेवाती पंचायत, इटाया, नानाखेड़ी, इमलिया, बिठौरी, पिलिया गज्जू, दाहोद पंचायत सहित पढ़ोनिया पंचायत के अंतर्गत आने वाले दर्जनो गांवो के किसान को मवेशियों को रोकने के लिए नूरगंज के कांजी हाउस के भरोसे हैं। नूरगंज के कांजी हाउस की वर्तमान से स्वीकृत जुर्माने की दरे मवेशियों के चारे के दामों के मुकाबले कम है। इसके चलते कांजी हाउस का संचालन में आर्थिक परेशानी हो रही है।
दाहोद के किसान शंकर नागर ने बताया कि कांजी हाउस बंद होने से किसानों को मवेशियों को रोकने के लिए निजी व्यय पर नूरगंज के कांजी हाउस पंहुचाना महंगा पड़ता है।
कांजी हाउस में जुर्मने की दरे बढ़ाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से बोला जा चुका है। चारे के महंगे होने से कांजी हाउस के संचालन में परेशानी आ रही है। जुर्मान की दरे बढ़ाने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजेंगे।
शौभा विनोद मालवीय, सरपंच ग्राम पंचायत नूरगंज