scriptराहुल के फैसले के खिलाफ क्यों हुए ज्योतिरादित्य, जब सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की उठ रही है मांग? | Jyotiraditya Scindia: Why did Jyotiraditya Scindia support Article 370 | Patrika News
भोपाल

राहुल के फैसले के खिलाफ क्यों हुए ज्योतिरादित्य, जब सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की उठ रही है मांग?

ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 में अपना लोकसभा चुनाव हार गए हैं, उन्हें भाजपा उम्मीदवार ने हराया है।
लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध किया।
राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया अच्छे दोस्त हैं।

भोपालAug 07, 2019 / 10:45 am

Pawan Tiwari

Jyotiraditya Scindia
भोपाल. कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इसको लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। इन सबके बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) का नाम भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सामने आ रहा है, लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी ही पार्टी के नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के खिलाफ हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों सिंधिया, राहुल गांधी के फैसले के खिलाफ गए।
राहुल का विरोध, सिंधिया का समर्थन
लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 ( Article 370 ) हटाने का विरोध किया। विरोध करने वालों में खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल थे, लेकिन सिंधिया ने इस फैसले का समर्थन किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन के बाद से कहा जा रहा है कि कांग्रेस में दो खेमों में बांट गई है। एक खेमा धारा 370 के विरोध में है तो दूसरा खेमा धारा 370 का समर्थन कर रहा है।
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क्या कहा सिंधिया और राहुल ने?
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 के समर्थन में कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित में लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं। वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था- राष्ट्रीय एकीकरण का मतलब जम्मू-कश्मीर को तोड़ना, चुने गए प्रतिनिधियों को जेल में बंद कर देना और संविधान का उल्लंघन करना नहीं है। यह देश यहां के लोगों से बना है, न कि जमीन के टुकड़े से। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ताकत का यह गलत इस्तेमाल है।

आखिर सिंधिया ने क्यों किया विरोध
जानकारों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश की सियासत करनी है। मध्यप्रदेश की सियासत धारा 370 का विरोध करके नहीं की जा सकती है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद ऐसा कहा जा रहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के सीएम बनेंगे लेकिन, राहुल गांधी ने कमल नाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। इसके बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार मध्यप्रदेश की सियासत में सक्रिय हैं। ऐसे में सिंधिया धारा 370 और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सरकार के फैसले का विरोध करके मध्यप्रदेश की सियासत में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। सिंधिया पार्टी के साथ-साथ अपनी व्यक्तिगत राजनीति पर भी जोर दे रहे हैं।
दिशा विहीन कांग्रेस
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस में खेमे बाजी शुरू हो गई है। जानकारों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष नहीं होने के कारण कांग्रेस की राजनीति दिशा विहीन हो गई है। पार्टी हित से ज्यादा नेता अपने व्यक्तिगत हितों को ध्यान में रखकर सियासत कर रहे हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेता धारा 370 का समर्थन कर चुके हैं। यहां तक की यूपी के कई नेता और विधायक भी यह कह चुके हैं कि वह केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं।

मिलिंद देवड़ा ने की थी कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कहा था कि पार्टी की कमान युवा नेतृत्व को सौंपा जाए। इसके बाद मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पार्टी के दो युवा नेताओं के नाम सुझाया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि इन दोनों नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के गुण हैं। मिलिंद देवड़ा ने जिन नेताओं के नाम सुझाए थे उनमें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम हैं।
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कमलनाथ सरकार के मंत्री भी कर चुके हैं मांग
मिलिंद देवड़ा के अलावा कमल नाथ सरकार के कई मंत्री भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस का राष्ट्रीय अधअयक्ष बनाने की मांग कर चुके हैं। कमल नाथ सरकार की मंत्री इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत औऱ प्रद्युमन सिंह तोमर समेत कई मंत्री कह चुके हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के पूरे गुण हैं।

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