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कैबिनेट मंत्री प्रभुराम चौधरी की बेटी के विवाह में पहुंचे सिंधिया
सिंधिया नरोत्तम की मुलाकात के क्या मायने?
वैसे तो एक मंत्री की बेटी की शादी और दूसरे मंत्री के घर भोजन एक तरह से तय कार्यक्रम कहा जा रहा है। लेकिन, ज्योतिरादित्य सिंधिया का कुछ मंत्रियों के साथ अचानक गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के चार इमली स्थित घर पहुंचना और यहां करीब 50 मिनट तक दोनों दिग्गजों के बीच चर्चा होना एक बार फिर प्रदेश की राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि, बीजेपी में पिछले लंबे समय से मेल मुलाकातों का दौर चल रहा हैं। लेकिन, आज हुई इन दो दिग्गजों की मुलाकात के राजनीतिक पंडित नए नजरियों से देखरहे हैं।
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बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा से की मुलाकात
दोनों ही नेताओं ने बताई सामान्य शिष्टाचार चर्चा
बता दें कि, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल दौरे के दौरान तय कार्यक्रमों के तहत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ संघ नेताओं से मुलाकात करना था। साथ ही, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के निवास पर रात्रि भोज में शामिल होना था। लेकिन, अपने तय कार्यक्रम से हटकर सिंधिया अचानक चार इमली स्थित B-6 नरोत्तम मिश्रा के शासकीय आवास पर पहुंचे। उनके साथ शिवराज कैबिनेट में उनके समर्थक मंत्री भी मौजूद थे। सिंधिया और नरोत्तम के बीच उनके निवास पर करीब 50 मिनट तक बंद कमरा बातचीत हुई। हालांकि, दोनों ही नेता इसे एक सामान्य शिष्टाचार मुलाकात बता रहे थे, लेकिन उनकी इस मुलाकात ने प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।
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नरोत्तम मिश्रा ने किया सिंधिया का अपने निवास पर स्वागत
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
आपको बता दें कि, नरोत्तम मिश्रा और सिंधिया परिवार से बेहद नजदीकी रिश्ते रहे हैं और मिश्रा को राजनीति में लाने का श्रय भी सिंधिया की स्वर्गीय दादी और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया को जाता है। साथ ही, स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के साथ भी नरोत्तम के सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। हालांकि, 2009 में गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बीजेपी ने नरोत्तम को उतारा था, बावजूद इसके दोनों नेताओं के संबंधों में कभी तल्खी नहीं रही। खुद सिंधिया ने भाजपा में शामिल होते समय कहा था कि, नरोत्तम मिश्रा औक उनका रिश्ता बेहद पुराना है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार के चश्मे से देखें, तो नंबर दो माने जाने वाले नरोत्तम और सिंधिया की ये मुलाकात आने वाले समय में क्या राजनीतिक रंग दिखाएगी, ये तो समय ही स्पष्ट कर सकेगा।