केंद्रीय उड्डयन मंत्री एवं मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो दिनों से तीखे तेवर नजर आ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला था। इसके बाद कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश भी बीच में कूद पड़े। जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुलाम नबी आजाद दोनों पर ही निशाना साधा। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस सिस्टम और पार्टी नेतृत्व के बड़े लाभभोगी रहे हैं। लेकिन, अब हर गुजरते वक्त के साथ वे प्रमाण देते हैं कि इस उदारता के वे योग्य नहीं थे। वे अपना असली चरित्र दिखा रहे हैं, जिसे उन्होंने लंबे समय तक छुपा रखा था।
सिंधिया का पलटवार
जयराम रमेश के ट्वीट के बाद सिंधिया ने भी पलटवार करते हुए जयराम रमेश पर हमला बोला है। सिंधिया ने लिखा है कि मुंह में राम बगल में छुरी। आपके ऐसे वक्तव्य साफ दर्शाते हैं कि कितनी मर्यादा व विचारधारा कांग्रेस में बची है। वैसे भी आप केवल स्वयं के प्रति समर्पित हैं, इसी से आपकी राजनीति जीवित है। मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहे हैं।
जयराम ने कविता के जरिए किया हमला
इसके बाद जयराम रमेश ने एक बार फिर ट्वीट के जरिए हमला कर दिया। जयराम रमेश ने लिखा है कि क्या वह झांसी की रानी पर सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता भूल गए हैं?
सिंधिया ने नेहरू की किताब के जरिए दिया जवाब
जयराम रमेश के कविता के जरिए हमला करने पर सिंधिया ने भी पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब के जरिए जवाब दिया है। सिंधिया ने ट्वीट पर कहा कि कविताएं कम और इतिहास ज्यादा पढ़ें। उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता। मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे, लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़ों में बंट गईं। मराठों ने 1782 में दक्षिण में अंग्रेजों को हराया था। उत्तर में ग्वालियर के सिंधिया का प्रभुत्व था और दिल्ली के गरीब असहाय सम्राट को नियंत्रित किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब glimpses of world history.