वहीं अन्य कांग्रेसी नेताओं को लेकर भी उनकी नाराजगी सामने आ चुकी है। ऐसे में अब कमलनाथ भी प्रदेश अध्यक्ष ( congress president ) पद से इस्तीफा देने को तैयार बताए जा रहे हैं। जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) का मध्यप्रदेश में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।
वहीं अब उनके अलावा कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, जीतू पटवारी के अलावा विधायक बिसाहूलाल सिंह और वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के नाम भी चर्चा में हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में आशा के विपरीत मिली करारी हार के बाद कमलनाथ को अध्यक्ष पद से हटाए जाने की अटकलें लगातार सामने आ रही थी, जिसके बाद से अब तक उनकी ओर से इस्तीफे की बात कभी नहीं कही गई थी। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल रहा, लेकिन उस समय बाजी कमलनाथ ने मार ली थी।
ऐसे सामने आया पूरा मामला…
दरअसल पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की उम्र 74 साल हो गई है। इस उम्र में मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ( congress president ) का काम संभाल पाना संभव नहीं।
कमलनाथ ने भी अपनी तरफ से पीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। किसी दूसरे नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ( congress president ) का पद सौंपना चाहिए। किसे सौंपना चाहिए, यह हाईकमान तय करेगा।
इस पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एक बड़ा चेहरा है, इस सवाल पर सिंह ने तंज कसा कि इस चुनाव में बड़े और छोटे चेहरे को जनता ने एक लाइन में खड़ा कर दिया है। साथ ही कहा कि वे इस पद को स्वीकार करेंगे भी या नहीं?
वहीं गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ( congress president ) पद से हटना चाह रहे हैं। लोकसभा चुनाव की वजह से उन्हें नहीं हटाया गया था। अगला जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह लोकसभा चुनाव परिणामों से बने माहौल का पलटवार करने में सक्षम होगा, संगठन को मजबूत करेगा।
अब यहां से बदला पूरा मामला…
जानकार भी मानते हैं कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में खेमेबाजी की खबरें कोई नई नहीं हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही गुटबाजी की खबरें सामने आने लगीं।
कमलनाथ ( Kamal Nath ) ने की थी इस्तीफे की पेशकश मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ( Congress president ) कमलनाथ ( kamal Nath ) ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद मैंने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।
लोकसभा चुनाव पर राहुल द्वारा दी गई इस टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए पिछले दिनों एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से कमलनाथ ( kamal Nath ) ने कहा था कि मैंने मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी ली है। मैं नहीं जानता कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन मैंने पहले इस्तीफे की पेशकश की थी।
डॉ. गोविंद सिंह भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट से विधायक हैं। डॉ गोविंद सिंह को दिग्विजय सिंह खेमे का माना जाता है। गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) खेमे और दिग्विजय सिंह के खेमे में अनबन की कई खबरें आ चुकी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के तीनों बड़े नेता एक साथ एक मंच पर दिखाई नहीं दिए थे।
ये बोले गोविंद सिंह…
दरअसल शनिवार को डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वो लंबे समय से कांग्रेस की सेवा करते आ रहे हैं, अगर पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष ( congress president ) बनाती है तो प्रदेश में संगठन मजबूत होगा। गोविंद सिंह ने कहा- जिस तरह से कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, उसी तरह सिंधिया के नेतृत्व में प्रदेश में संगठन मजबूत होगा।
वहीं आकाश विजयवर्गीय के मुद्दे पर बोलते हुए गोविंद सिंह ने कहा कि आपराधियों को संरक्षण देने वाली भाजपा की बोलचती बंद हो गई है। ज्ञात हो कि आकाश विजयवर्गीय नगर निगम के नेता की पिटाई करने के बाद से जेल में बंद हैं। जिन्हें शनिवार देर शाम को जमानत मिल गई है।
तभी से प्रदेशाध्यक्ष को बदलने व सिंधिया को ये पद दिए जाने की मांग चल रही थी। इसके बाद हुए लोकसभा चुनावों में मध्यप्रदेश में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मध्यप्रदेश को लेकर नाराजगी सामने आई।
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वहीं पूर्व में दिल्ली में हुई समीक्षा बैठक के बाद राहुल ने ही सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) को दिल्ली में ही रुकने की सलाह दी, तभी से सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें और तेज हो गईं। वहीं इससे पहले मध्यप्रदेश में तीन मंत्री पहले ही सिंधिया को कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त करने की मांग कर चुके थे।
महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपनी पसंद के व्यक्त की है और कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे युवा और ऊर्जावान नेता को राज्य कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने से कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार होगा।
इससे पहले यहां तक बातें पहुंच गई थीं कि कई लोगों का मानना था कि राहुल कमलनाथ को सीएम पद से हटा कर वहां सिंधिया को बैठा देंगे।
ये चर्चा मध्यप्रदेश में आम हो गई थी कि राहुल कमलनाथ से खासे खफा हैं और जल्द ही प्रदेश को सिंधिया के रूप में नया सीएम मिल सकता है।
लेकिन इसके बाद हुए परिवर्तन के साथ ही जहां कमलनाथ अपनी कुर्सी पर बने रहे वहीं सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया है। इसके साथ ही अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दो पॉवर सेंटर हो गए हैं।
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ऐसे बदलता गया पूरा समीकरण…
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर घमासान जारी है। एक तरफ जहां राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं।
दूसरी तरफ अलग-अलग प्रदेशों से कांग्रेस प्रभारी खुद को जिम्मेदार बताते हुए लगातार इस्तीफा दे रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस के भीतर सीएम कमलनाथ के खिलाफ माहौल बन गया। इस दौरान वहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हो गई।
ज्ञात हो कि लोक सभा में हार के बाद मध्य प्रदेश में तेजी से कमलनाथ के खिलाफ माहौल बना। खुद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनसे नाराज बताए गए।
ऐसे में ये तकरीबन साफ हो चुका था कि कमलनाथ को अध्यक्ष पद छोड़ना होगा, ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश में बढ़ने जा रही है यानि वे प्रदेशाध्यक्ष बन सकते हैं।