नहीं मानी मरीज की बातअमित का आरोप है कि डॉक्टर ने पर्चे पर मनोरिया हार्ट अस्पताल का नाम लिखा और कहा कि यहां से जांच कराना है। पर्चे पर डॉक्टर ने खुद के साइन भी किए। अमित का कहना है कि उन्होंने डॉक्टर से कहा था कि उनके परिचित के यहां ईको जांच हो जाती है, वहां से करा लें। लेकिन डॉक्टर ने डपटकर कहा कि जहां से कहा गया है वहीं से कराना जरूरी है। ऐसे में मजबूरी में मनोरिया अस्पताल में ही जांच करानी पड़ी।
फिट बताकर किया डिस्जार्ज अब हमीदिया में होगा ऑपरेशनअमित का कहना है कि उनकी मम्मी को तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा लेकिन अंत में उन्हें फिट बताकर डिस्चार्ज कर दिया। हालांकि अगले ही दिन उनकी तबीयत फिर खराब हुई तो हमीदिया अस्पताल ले जाया गया जहां हार्ट के आसपास आठ ब्लॉकेज बताए गए हैं, अब उनकी बाईपास सर्जरी होगी।
जेपी अस्पताल में नहीे है जांच की सुविधा जेपी अस्पताल में इको जांच की सुविधा नहीं है, ऐसे में मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ती है। लेकिन डॉक्टर मरीज को किसी विशेष जांच सेंटर पर जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।सीटी स्कैन और सोनोग्राफी के लिए भी होते हेे परेशान
सिर्फ हार्ट की जांच ही नहीं मरीज यहां सीटी स्कैन और सोनोग्राफी जांच के लिए भी परेशान रहते हैं। अस्पताल में सीटी स्कैन अक्सर बंद रहती है। यहां एसी का वायर चोरी हो जाता है, जिसके चलते मशीन बंद करनी पड़ती है। वहीं सोनोग्राफी जांच भी आए दिन बंद हो जाती है।
ऐसा नहीं हो सकता कोई डॉक्टर मरीज को बाहर की जांच नहीं लिख सकता। अगर ऐसा है तो शिकायत करें मैं जांच कर कार्रवाई करूंगा।डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल