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बता दें कि, प्रदेश में मौजूद नेशनल कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर में एक दर्जन से ज्यादा नस्ल की गायों और 4 नस्ल की भैंसों को पाला जा रहा है। यहां देशी गायों की नस्ल में सुधार के लिए भ्रूण ट्रांसफर तकनीक और आईवीएफ तकनीक(IVF Technology) का इस्तेमाल किया जाता है। भ्रूण ट्रांसफर तकनीक में देसी नस्ल की गायों के बच्चेदानी में उन्नत नस्ल(Advanced Breed Cow) का भ्रूण तैयार किया जाता है। जबकि आईवीएफ तकनीक के अंतर्गत, आर्टिफिशियल भ्रूण तैयार करके उसे गाय की बच्चेदानी में ट्रांसफर किया जाता हैं।
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यहां गिर, साहिवाल, थारपारकर, कांकरेज, मालवी, निमाडी जैसी नस्लों को संरक्षण मिला हुआ है। बता दें कि ये गाय रोजाना 6 से 10 लीटर दूध देती है। 6 से 12 महीने की बछिया को सिर्फ 6 से12 हजार रुपए देकर पशुपालक खरीद सकेंगे। वहीं 2 से 3 साल की बछिया को 15 से 20 हजार रुपए में खरीद सकेंगे।
यहां होती है नीलामी
जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल के भदभदा, टीकमगढ के मिनौरा, पन्ना के पवई, सागर के रतौना, छिंदवाड़ा के इमलीखेडा, बालाघाट के गढ़ी, आगर मालवा और खरगोन के रोडिया में इन बछियों की नीलामी होती है।