सीएम मोहन ने जताई खुशी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘भगवान आदित्य को भारत का प्रणाम ! सूर्य मिशन आदित्य – L1 ने अपनी अंतिम कक्षा में स्थापित होकर आज एक नया इतिहास रचा है, हम देशवासियों को गौरवान्वित किया है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में भारत धरती से लेकर आकाश की अनंत ऊंचाइयों तक असाधारण सफलता प्राप्त कर रहा है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर इसरो के सभी सदस्यों और प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन और सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई।। जय हिन्द।।’
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पीएम मोदी बोले- भारत का एक माइल स्टोन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस इसरो की इस उपलब्धि पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि ‘भारत ने एक और माइलस्टोन हासिल किया है। भारत की पहली सोलर ओबजर्वेटरी आदित्य-एल 1 अपनी मंजिल तक पहुंच गई। यह सबसे जटिल अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं देशवासियों के साथ इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करता हूं। हम मानवता के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाते रहेंगे।’
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पूर्व सीएम शिवराज ने कहा- भारत का सूर्य नमस्कार
यही नहीं इस संबंध में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘भारत का सूर्य नमस्कार Aditya-L1 पहुँचा मंज़िल पर नित नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए इसरो ने एक बार फिर देशवासियों को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए इसरो की पूरी टीम को बधाई तथा शुभकामनाएं देता हूं।’
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क्या है अदित्य एल-1 मिशन ?
आपको बता दें कि, चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरों ने अपने सबसे बड़े लूनर मिशन अदित्य एल-1 को सितंबर 2023 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था। करीब पांच महीने का सफर तय करके अदित्य एल-1 आज अपनी आखिरी और बेहद जटिल प्रक्रिया से होकर गुजरकर स्थापित हो चुका है। बता दें कि इस मिशन का लक्ष्य सूर्य का बारीकी से अध्ययन करना है। ये मिशन सात पेलोड लेकर गया था जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपर) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) पर रिसर्च करने का काम करेगा।