scriptढाबों का भोजन करने इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया से आ रहे सैलानी | International Center for Responsible Tourism News | Patrika News
भोपाल

ढाबों का भोजन करने इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया से आ रहे सैलानी

जंगलों, महलों को देखेंगे और गांवों में रूकेंगे
 

भोपालAug 29, 2022 / 04:44 pm

deepak deewan

dhaba.png

ढाबों में भोजन की व्यवस्था

भोपाल. टाइगर स्टेट होने की वजह से एमपी हमेशा से ही टूरिस्टों को आकर्षित करता रहा है पर अब प्रदेश की एक और खासियत विशेषकर विदेशी सैलानियों को लुभा रही है. मध्यप्रदेश में अब ग्रामीण पर्यटन पर जोर दिया जा रहा है जिसमें गांवों में प्राकृतिक वातावरण में ही रूकने, खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है. रूरल टूरिज्म का आनंद उठाने के लिए कई विदेशी टूरिस्ट यहां आ रहे हैं. प्रदेश में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी हो रही है जिसके अंतर्गत विदेशी सैलानियों की गांवों में रूकने और ढाबों में भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है। मध्यप्रदेश में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका सहित अनेक देशों के प्रतिनिधि आ रहे हैं जोकि यहां के जंगलों में घूमेंगे और महलों और मंदिरों के भी दर्शन करेंगे।
यूके के इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम 30 अगस्त से शुरू होगा और 10 सितंबर तक चलेगा। इसके अंतर्गत 7 सितंबर को भोपाल में वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म इंडिया अवॉर्ड्स भी आयोजित किया जाएगा। इस बीच कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर के प्रांगण में 5 सितंबर से 10 सितंबर तक कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के प्रबंध निदेशक-एमडी शिवशेखर शुक्ला के अनुसार कार्यक्रम के लिए एक आईसीआरटी टीम प्रदेश का दौरा करेगी। इस टीम में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. आईसीआरटी के संस्थापक निदेशक और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पार्टनशिप के प्रबंध निदेशक-एमडी डॉ हेरोल्ड गुडविन टीम का नेतृत्व करेंगे। यह टीम प्रदेश की समृद्ध विरासत स्थलों के साथ ही ग्रामीण पर्यटन के तहत विकसित गांवों का भी दौरा करेगी। ये सैलानी गांवों में ही रूकेंगे यहां के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखेंगे और पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। गांव में रुककर ग्रामीण जनजीवन को देखने-परखने के साथ ही ढाबों में भी भोजन का स्वाद चखेंगे।
ये है प्रोग्राम
30 और 31 अगस्त को टीम मितावली, पड़ावली, बटेश्वर और ग्वालियर जाएगी।
1 और 2 सितंबर को ओरछा और आसपास के गांवों में रहेगी।
3 और 4 सितंबर को टीम खजुराहो, मंडला, धमना और बसाटा जाएगी।
7 सितंबर को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आईसीआरटी वर्कशॉप एवं रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म इंडिया अवार्ड्स कार्यक्रम।
8 व 9 सितंबर को टीम ढाबा, चेड़का, सबरवानी, मढ़ई और पचमढ़ी सहित कुछ गांवों में रहेगी।
क्या है इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म
इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म यानि आईसीआरटी प्रबुद्धजनों का एक नेटवर्क है जिसमें कई सहयोगी संगठन और संबद्ध केंद्र हैं। ये सभी केपटाउन घोषणा का समर्थन करते हैं। इसकी स्थापना 2002 में हेरोल्ड गुडविन द्वारा की गई थी। नेटवर्क रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की अवधारणा को विकसित करने और बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
क्या है वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवार्ड
इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म ने वर्ष 2004 से वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवार्ड की शुरुआत की। विश्व में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्यों के संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से यह अवार्ड प्रारंभ किया गया।
भारत और एमपी में पहली बार
वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवार्ड लंदन में ही आयोजित होता था। यह कार्यक्रम लंदन से बाहर पहली बार भारत में मध्यप्रदेश के भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। 10 विभिन्न श्रेणियों में यह अवार्ड दिया जाता है। अवार्ड में भारत के साथ ही श्रीलंका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, भूटान, नेपाल, मलेशिया आदि भी भाग लेंगे। अंतराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा विजेता का चयन किया जाएगा. जूरी के अध्यक्ष डॉ. हेराल्ड गुडविन हैं।

Hindi News / Bhopal / ढाबों का भोजन करने इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया से आ रहे सैलानी

ट्रेंडिंग वीडियो