30 और 31 अगस्त को टीम मितावली, पड़ावली, बटेश्वर और ग्वालियर जाएगी।
1 और 2 सितंबर को ओरछा और आसपास के गांवों में रहेगी।
3 और 4 सितंबर को टीम खजुराहो, मंडला, धमना और बसाटा जाएगी।
7 सितंबर को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आईसीआरटी वर्कशॉप एवं रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म इंडिया अवार्ड्स कार्यक्रम।
8 व 9 सितंबर को टीम ढाबा, चेड़का, सबरवानी, मढ़ई और पचमढ़ी सहित कुछ गांवों में रहेगी।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म यानि आईसीआरटी प्रबुद्धजनों का एक नेटवर्क है जिसमें कई सहयोगी संगठन और संबद्ध केंद्र हैं। ये सभी केपटाउन घोषणा का समर्थन करते हैं। इसकी स्थापना 2002 में हेरोल्ड गुडविन द्वारा की गई थी। नेटवर्क रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की अवधारणा को विकसित करने और बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म ने वर्ष 2004 से वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवार्ड की शुरुआत की। विश्व में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्यों के संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से यह अवार्ड प्रारंभ किया गया।
वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवार्ड लंदन में ही आयोजित होता था। यह कार्यक्रम लंदन से बाहर पहली बार भारत में मध्यप्रदेश के भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। 10 विभिन्न श्रेणियों में यह अवार्ड दिया जाता है। अवार्ड में भारत के साथ ही श्रीलंका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, भूटान, नेपाल, मलेशिया आदि भी भाग लेंगे। अंतराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा विजेता का चयन किया जाएगा. जूरी के अध्यक्ष डॉ. हेराल्ड गुडविन हैं।