कवच सिस्टम 5 किमी पहले ही लोको पायलट को बता देगा कि ट्रेक पर दूसरी ट्रेन सामान या विपरीत दिशा में दौड़ रही है। इमरजेंसी में सिस्टम ब्रेक को पूरा एक्टीवेट कर देगा।
अभी कहां से कहां तक काम जारी
–पश्चिम मध्य रेलवे जोन के कोटा डिवीजन में मथुरा से नागदा के बीच 550 किमी लंबे ट्रेक के आधे भाग में ये सिस्टम इंस्टॉल होकर ट्रायल मोड में चल रहा है। -जोन के जबलपुर मंडल में जबलपुर, इटारसी से मानिकपुर तक 496 किमी में ये सिस्टम लगाने के लिए तक्नीकी परीक्षण का दौर जारी है। -भोपाल, आरकेएमपी, इटारसी से बीना के बीच लगभग 230 किमी लंबे ट्रेक पर इस सिस्टम को लगाया जाना है जिसके टेंडर जारी हो गए हैं।
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कवच सिस्टम को प्रभावी बनाने के लिए स्टेशनों के बीच फाइबर केबल बिछाई जाती है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करती है। इसे रिसीव कर रेडियो तरंगें सीधे इंजन तक पहुंचती हैं। कवच के माध्यम से स्टेशन पर लगे इंटरलॉकिंग से यह अगले सिग्नल तक पहुंचती है।