जानकारी के मुताबिक ईदगाह के पास निवास करने वाले राकेश कुमार जैन ने बताया कि 17 दिसंबर 2022 को भोपाल जाने के लिए उन्होंने महामना एक्सप्रेस से रिजर्वेशन कराया था। अपने टिकट के साथ वह ट्रेन में सवार हुए थे तो उसमें बहुत अधिक भीड़ थी।
ये भी पढ़ें: IMD Alert: चक्रवातीय घेरा एक्टिव….24 जिलों में तूफानी बारिश की चेतावनी, रेड अलर्ट जारी टॉयलेट के पास खड़े होकर किया सफर
ऐसे में वह टीसी की मदद से ट्रेन में सवार हुए और अपनी सीट की मांग की। इस पर टीसी ने उन्हें ललितपुर में भीड़ कम होने पर सीट उपलब्ध कराने की बात कही। इसके बाद ललितपुर में भी भीड़ के चलते उन्हें सीट नहीं मिल सकी। इसकी उन्होंने टीसी से लिखित शिकायत की। वहीं सीट न मिलने पर वह पूरे समय टॉयलेट के पास खड़े रहे और भोपाल तक सफर किया। रेलवे की इस व्यवस्था से परेशान होकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
यहां पर दो साल चले परिवार के बाद फोरम ने रिजर्वेशन के बाद भी ग्राहक को सीट उपलब्ध न करा पाने को सेवा में कमी मानते हुए उत्तर मध्य रेलवे झांसी के डीआरएम को 30 दिन के अंदर सेवा में कमी एवं परिवार व्यय की राशि दिलाने की मांग की है।
सीट दिलाना जिमेदारी
फोरम ने अपने निर्णय में बताया है कि रेल अधिनियम 1989 की धारा 155 बी के उपबंध के अनुसार रिजर्वेशन सीट या बर्थ पर यदि कोई अनाधिकृत व्यक्ति है तो उसे हटाने और उस पर 500 रुपए तक जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी रेलवे की है, लेकिन इसके बाद भी ग्राहक के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। वहीं लोग सुगम यात्रा के लिए अतिरिक्त शुक्ल देकर रिजर्वेशन टिकट लेते हैं। ऐसे में रिजर्वेशन टिकट भी सीट न मिलना सेवा में कमी है।