इस सत्र में IIM मैनेजर नवीन कृष्ण राय ने स्टूडेंट्स को प्रतिभागियों को नेगोशिएशन, कॉन्फ्लिक्ट मेनेजमेंट और पीपुल मेनेजमेंट के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराया गया। राय ने नेगोशिएशन स्किल में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि “लोगों को वह नहीं मिलता जिसके वे हकदार होते हैं, बल्कि उन्हें उतना ही मिलता है जितना वे नेगोशिएट कर पाते हैं”। इस सत्र में मेनेजमेंट के विभिन्न सिद्धांतों और मॉडलों की मदद से प्रतिभागियों को उनके कौशल को निखारने के तरीके बताए गए।
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नेगोशिएशन के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बताते हुए नवीन कृष्ण राय ने प्रतिभागियों को बताया कि किसी भी नेगोशिएशन की तैयारी करते समय उन्हें उस नेगोशिएशन के सर्वोत्तम विकल्प (BATNA) के बारे में अवश्य सोच विचार कर लेना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द अपने नेगोशिएशन के संभावित के क्षेत्र (ZOPA) का भी यथाशीघ्र पता लगाने का प्रयास करना चाहिए। MANIT के निदेशक प्रो. करुणेश शुक्ला ने बताया कि यह सेशन हमारे प्रबंधन विभाग के छात्रों को बेहद पसंद आया। हमें आशा है कि इस सेशन से हमारे छात्रों को अवश्य लाभ होगा।
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