बी पॉजिटिव
अक्सर दूसरों से तुलना और दूसरों की तरह बनने की इच्छा कई लोगों के लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण होती है। ऐसे में हमेशा उन चीजों की तरफ ध्यान दें जो आपकी लाइफ में या आपके पास हैं। वहीं उन चीजों के बारे में सोचना छोड़ दें जो आपके पास नहीं हैं या फिर जिन्हें आप पाना चाहते हैं। आपकी लाइफ में जो भी हो रहा है, आपके पास जो भी है उसके लिए ऊपर वाले की शुक्रगुजार रहें। अपनी लाइफ के हर पहलू को पॉजिटीव हाइलाइट करने की आदत बनाइए। फिर देखिए कैसे आप तनाव, अनिद्रा, एन्जाइटी जैसी प्रॉब्लम्स से आसानी से उबर जाएंगी।
डू एक्सरसाइज
फिजिकली फिट रहें, तो हम मेंटली भी फिट रह सकते हैं। इसके लिए डेली 20 मिनट की एक्सरसाइज की आदत डालें। एक्सरसाइज करें और खुद को फिजिकली फिट करने की आदत बनाएं। डब्ल्यूएचओ की रेकमेंडेशन के अनुसार, लोगों को रोजाना कम से कम 20-30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करनी ही चाहिए। कसरत करने से ब्रेन में एंडोर्फिन नामक केमिकल्स बनने लगता है, ये केमिकल नेचुरली थकान और दर्द को कम करने में आपकी हेल्प करता है। एंडोर्फिन्स नींद की कमी और स्ट्रेस को कंट्रोल करने में हेल्प करता है। वहीं, कसरत करने से स्ट्रेस बढ़ाने वाले एंड्रेनाइल और कॉर्टिसोल का लेवल कंट्रोल करना भी आसान हो सकता है।
डाइट सबसे ज्यादा इम्पोर्टेंट
आपको स्ट्रेस रूट आउट करने के लिए अपनी फूड हेबिट्स यानी डाइट में चैंज लाने होंगे। हेवी मील लेने, प्रोसेस्ड फूड और शुगरया चीनी या कैफीन जैसी चीजों के सेवन से सेहत बुरी तरह खराब होती है। ऐसी अनहेल्दी डाइट से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, बेली फैट और स्ट्रेस जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसीलिए, हल्की और संतुलित डाइट लें। हल्की डाइट लेने से थकान और सुस्ती कम महसूस होती है और इससे फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ भी बेहतर बनती है और तनाव जैसी फीलिंग्स कम होती हैं। अपनी रोजमर्रा की डाइट में फल-सब्जियां, सलाद, हब्र्स, नारियल पानी, साबुत अनाज, ड्राइफ्रूट्स- नट्स को शामिल करें।
टाइम टू फील रिलेक्स्ड
करने के लिए अपने ब्रेन और बॉडी को रिलैक्स करना सिखाएं। इसके लिए कुछ पल तो आपको अपने साथ बिताने ही होंगे। जब भी मौका मिले योग करें, मेडिटेशन करें। इससे स्ट्रेस रूट आउट होगा और बीपी कंट्रोल करने, हार्ट रेट कंट्रोल करने में आसानी होगी।
टाइम मैनेजमेंट करके चलें
आपकी एक आदत जो सबसे जरूरी है वो है टाइम मैनेजमेंट करने की आदत बनाइए। किसी भी काम का खत्म करने के लिए उसकी एक डेड लाइन बनाइए, उस उसी डेड लाइन में पूरा करें। प्लान में जो काम शामिल हों उन्हें ही करें एक्स्ट्रा काम न निकालें। इसी तरह कुछ लोगों के जॉब प्रोफाइल ऐसे होते हैं जिनमें उनके पास काम अधिक और समय कम होता है। ऐसी स्थितियों में तनाव महसूस करना लाजमी है। ऐसे लोगों को अपना टाइम टेबल बनाना चाहिए और उसका अनुशासन के साथ पालन करना चाहिए। ऐसा करने से वर्क रिलेटेड स्ट्रेस से बचने में मदद मिलेगी।
प्रॉब्लम्स हैं तो सोल्यूशन भी हैं
कई बार कुछ परिस्थितियां हमारे तनाव का कारण बनती हैं। लाइफ में प्रॉब्लम्स तो रहेंगी। उनके बिना लाइफ नहीं है, इसलिए उनसे परेशान होने के बजाय उनके सोल्यूशन ढूंढऩे की आदत बनाइए। इससे आपका स्ट्रेस कम होने लगेगा। कभी-कभी ऐसी सिचुएशन्स भी आती हैं, जिन्हें हैंडल करना मुश्किल महसूस हो सकता है, लेकिन, किसी स्थिति से डरने की बजाय उस स्थिति से निपटने की तैयारी करें।
नशे से रहें कोसों दूर
कुछ लोगों को लगता है कि ऑफिस के काम से ब्रेक लेकर कुछ कश लगाने से मेंटल स्ट्रेस कम होता है। वहीं, कुछ लोग वीकेंड स्टार्ट होते ही अल्कोहल पार्टी करते हैं, ताकि स्ट्रेस और दुखों से दूर रह सकें। लेकिन, इस तरह से नशे की लत पकडऩा किसी के लिए भी नुकसानदाक साबित हो सकता है। तम्बाकू, निकोटिन और कैफीन जैसे तत्व इन सबके साथ आपके शरीर में प्रवेश करते हैं जो तनाव को कम करने की बजाय और ज्यादा बढ़ा देते हैं। वहीं, इनसे लिवर की बीमारियों, पाचन तंत्र की बीमारियां, फेफड़ों के कैंसर और ओरल कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा काफी बढ़ सकता है।
अपनों के साथ बिताएं क्वालिटी टाइम
स्ट्रेस रूट आउट करने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं, सोशल मीडिया पर पुराने क्लासमेट्स या कलीग्स से कनेक्ट होना सीखें, गेट-टुगेदर और सोशल इवेंट्स में हिस्सा लें। इससे आप लोगों के साथ बातचीत कर सकेंगे और अपनी समस्याएं भी डिस्कस कर सकेंगे जो कि आपकी प्रॉब्लम्स का सोल्यूशन भी आपको आसानी से दे सकेंगे।