डाइटीशियन और न्यूट्रीशियनिस्ट अंजना कपबर का कहना है कि, 1970-1971 में हुए एक शोध में ये बात सामने आई थी कि, जिन चुहों को 15 फीसदी से ज्यादा प्रोटीन खिलाया गया, उन्हें कैंसर हो गया। ये शोध जब अमेरिका गया तो वहां के शोधार्थियों ने इसे गलत माना, पर भारत में इस शोध से जुड़े श्री गोपालन ने स्थिति स्पष्ट की और अमेरिका में दोबारा इस पर शोध किया गया। इसका परिणाम ये निकला कि, जिन चूहों को 15 फीसदी से अधिक प्रोटीन दिया गया था, उन्हें कैंसर हुआ, जबकि कम प्रोटीन खाने वाले चूहों को कैंसर नहीं हुआ।
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अपने वजन के हिसाब से खाएं
हमें अपने वजन के अनुपात में सब्जी और फल खाना चाहिए। प्रोटीन के साथ-साथ फायबर का सेवन भी जरूरी है। रेशेदार पदार्थ खाने से पेट स्वस्थ रहता है और शरीर के विशैले तत्व भी सहजता से बाहर निकलते हैं। यही नहीं, प्रोटीन के ज्यादा सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव भी कम होते हैं। निरोगी रहने के लिए सात्विक आहार लेना जरूरी है। जंक फूड और बाहर का तला-गला खाना बंद कर देना चाहिए। रेडी टू इट फूड में ऐसे तत्व मिलाए जाते हैं, जिनसे उन्हें खाने की लालसा बढ़े। अकसर आपने देखा होगा कि, लोगों को इन फूड्स की तल लग जाती है।
सात घंटे की नींद जरूरी
सेहतमंद रहने के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद लेना भी जरूरी है। जितना जरूरी पोषण हैं, उतना ही जरूरी व्यायाम भी है। हडि्डयां कैल्शियम ही नहीं, व्यायाम करने से भी मजबूत होती है। पैदल चलने पर हडि्डयों पर जो दबाव बनता है, उससे रीढ़ और अन्य हडि्डयां मजबूत होती हैं। नियमित रूप से उपवास रखना भी अच्छी सेहत में मददगार साबित होता है।
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