यह मामला भोपाल के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी का है। रिटायरमेंट के बाद विभाग ने उन पर 4.95 लाख रुपए की रिकवरी निकाली थी और यह राशि वसूल भी ली। कर्मचारी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई तो विभाग की कार्रवाई गलत साबित हो गई।
यह भी पढ़ें : एमपी में कर्मचारियों को तगड़ा झटका, वेतन में होगी कटौती, खातों में से 5 लाख रुपए तक निकालेगी सरकार जबलपुर हाईकोर्ट (High Court) के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि सरकारी कर्मचारी को किए गए अतिरिक्त भुगतान की राशि की रिकवरी रिटायरमेंट के बाद करना पूरी तरह अनुचित है। इसी के साथ कोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारी से रिकवरी का आदेश निरस्त कर दिया।
भोपाल निवासी सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर रामनारायण शर्मा की याचिका पर यह अहम फैसला सुनाया गया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 6 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूली की राशि लौटाने का आदेश भी दिया। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उनके विरुद्ध चार लाख 95 हजार रुपए की रिकवरी निकाली गई और वसूली भी कर ली गई। याचिकाकर्ता के वकील ने इसे अनुचित बताते हुए इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के कई दृष्टांत प्रस्तुत किए।
पुराने मामलों में यह स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी विभाग द्वारा किए गए अतिरिक्त भुगतान की रिकवरी सेवानिवृत्ति के बाद नहीं की जा सकती। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रिकवरी आदेश निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के तहत याचिकाकर्ता को राशि का भुगतान करने कहा।