दरअसल, करोंद स्थित मंडी समिति ने निर्णय लिया है कि अनाज की लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले हम्मालों से 1 जनवरी से 50 किलो का बोरा ही उठवाया जाए। समिति ने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय श्रम मानकों का हवाला दिया है। मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक के हवाले से पत्र जारी के बाद मंडी समिति ने यह निर्णय लिया है। हालांकि इस मुद्दे पर मंडी समिति और व्यापारी आमने-सामने आते दिखाई दे रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि बिना उनकी जानकारी के इस तरह से समिति ने निर्णय ले लिया जो उन्हें मंजूर नहीं है। विवेक प्रकाश पटैरिया मंडी सचिव ने कहा कि व्यापारियों को दो माह पहले ही बता दिया गया था। अब तक उन्हें इसकी व्यवस्था करना था। 1 जनवरी से नियम पूरी तरह से लागू होंगे। संजीव जैन, प्रवक्ता, भोपाल ग्रेन एंड ऑयल सीड्स मर्चेन्ट ने कहा कि हमारी एसोसिएशन को विश्वास में लिए बिना आदेश दिया है, जो मंजूर नहीं है। ऐसे आदेश को नहीं माना जाएगा। इसके लिए भले ही मंडी ही क्यों न बंद करना पड़े।
रेडियो से मिलेंगे उपज के भाव इधर, प्रदेश के किसानों को उपज का अपने जिले और आस-पास की मंडियों समितियों में प्रचलित भावों की जानकारी अब रोज शाम को रेडियो पर मिलेगी। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किसानों के लिये यह व्यवस्था एक जनवरी से शुरू की जा रही है।
इस व्यवस्था के अंतर्गत मंडी बोर्ड के माध्यम से मंडी समितियों में विभिन्न उपज के दैनिक आवक और औसत भाव का प्रसारण आकाशवाणी के 14 केन्द्रों से शाम 7 बजे से 5 मिनिट के लिये किया जायेगा। यह प्रसारण प्रादेशिक समाचार के प्रसारण के पूर्व होगा। आकाशवाणी के 14 केन्द्रों में से 8 केन्द्रों को मंडी बोर्ड के अनुसार 4 भागों में विभक्त किया गया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत भोपाल रेडियो स्टेशन में भोपाल संभाग के सभी जिले और बैतूल शामिल होगा।
इंदौर रेडियो स्टेशन में पूर्ण उज्जैन संभाग भी शामिल होगा। ग्वालियर तथा छतरपुर रेडियो स्टेशन में ग्वालियर के साथ सागर संभाग भी शामिल होगा। जबलपुर, बालाघाट तथा छिन्दवाड़ा रेडियो स्टेशन में पूर्ण रीवा संभाग भी शामिल होगा।