खास जगहों में पायलट प्रोजेक्ट हुआ लागू
सीएम ने बताया कि परियोजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 खास स्थानों पर लागू किया गया है जहां यह प्रणाली सफलतापूर्वक काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 तक सभी 41 ई-चेकगेट को स्थापित कर दिया जाए। अवैध खनिज परिवहन की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर भोपाल में कमांड एवं कंट्रोल सेंटर और जिला स्तर पर भोपाल के साथ रायसेन में कमांड सेंटर बनाए गए हैं। यह भी पढ़े – एमपी में विकसित हो रहे 50 नए टूरिस्ट स्पॉट्स, पर्यटकों के लिए बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं ड्रोन से भी होगी निगरानी
अवैध खनन पर रोक के लिए राज्य में सभी 7 हजार खदानों की जियो टैगिंग कर खदान क्षेत्र का सीमांकन भी किया गया है। ड्रोन और उपग्रह आधारित प्रोजेक्ट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्वीकृत खदान के बाहर खनन न हो सके। इसके तहत थ्रीडी इमेजिंग और वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस का उपयोग कर स्वीकृत खदानों में उत्खनन की गई खनिज मात्रा का सटीक आकलन होगा। सरकार कहना है कि यह पहल न केवल अवैध खनिज परिवहन और खनन पर रोक लगाएगी बल्कि इससे राज्य की खनिज संपदा की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।