पुराने भोपाल के कई इलाकों की जमीन शत्रु संपत्ति घोषित होते ही केंद्र सरकार के अधीन हो जाएंगी। इनमें ईदगाह हिल, जहांगीराबाद, ऐशबाग, कोहेफिजा, हलालपुर, लालघाटी, बोरबन, बेहटा और लाऊखेड़ी (बैरागढ़) के दो तिहाई आबादी वाली जमीनें शामिल हैं।
भारत को मिल गई थी आजादी फिर भी दो साल तक ‘गुलाम’ था भोपाल
आजादी के पहले से चल रही जीटी एक्सप्रेस,लाहौर तक थी जाती
43 साल बाद हुआ खुलासा
बेगम जहां का यह पत्र 43 साल बाद सामने आया है। उसे बेगम आफताब जहां की ओर से भारत सरकार के सचिव और ऑफिसर इंचार्ज कस्टोडियन एनीमी प्रापर्टी,, केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिनांक 2 मई 1977 को कराची पाकिस्तान से लिखा गया था। हालांकि बेगम की मृत्यु सन 2000 में हो गई थी और नवाब साहब से उनकी कोई संतान भी नहीं थी।
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
बेगम जहां के इस लेटर की कॉपी के साथ एक ज्ञापन भोपाल के सुल्तानिया रोड निवासी मधुदास बैरागी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारत के चीफ जस्टिस ऑफ सुप्रीम कोर्ट, चीफ जस्टिस ऑफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, चीफ सेक्रेटरी मध्यप्रदेश, भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भोपाल के कलेक्टर को भेजा गया है।
जांच की मांग उठी
शत्रु संपत्ति के मामले में जूनियर बेगम का लिखा पत्र सामने आने के बाद नवाब संपत्ति पर हुए हिबा-इनायतनामे, पॉवर ऑफ अटॉर्नी की जांच की मांग उठ रही है। शिकायतकर्ता मधुदास बैरागी ने कहा है कि इसकी जांच कर प्रशासन इसे शत्रु संपत्ति घोषित करे। इस मामले में बैरागढ़ तहसीलदार गुलाब सिंह का कहना है कि अभी उनके पास जानकारी नहीं आई है। इधर, शिकायतकर्ता का दावा है कि राष्ट्रीय अभिलेखागार में रिकॉर्ड को तलाशा जाए तो संपत्ति की जानकारी सामने आ जाएगी। हिबानामों, इनायतनामों और पॉवर ऑफ अटार्नी के रिकार्ड खंगालने से भी काफी हद तक जानकारी सामने आएगी।